अपने ही सहकर्मियों से काम के बदले बटोरते हैं दाम
इन राशि बटोरन लोभियों पर शिकंजे कसने की है जरूरत
पटना। अपने ही सहकर्मियों से काम के बदले दाम बटोरने का सिलसिला जारी है। जल में रहकर कैसे ‘मगरमच्छ’ से बैर करें? इस तरह की सोच के ही कारण राशि बटोरन लोभियों का मनोबल बढ़ गया है। ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने की जरूरत है। विलम्ब से कार्य करने वाले बड़ा और छोटा बाबू के वेतन में कटौती करने संबंधी कानून बनाने की जरूरत है। इस ओर सीएम नीतीश कुमार इशारा भी कर चुके हैं। जल्द से जल्द कानून बनाने की जरूरत है। ऐसा करने से सुशासन बाबू के राज को गंदगी फैलाने वालों पर अंकुश लगेगा।
जी हां, पटना जिले में है प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, धनरूआ। इस केन्द्र का बड़ा और छोटा बाबू लापरवाह हैं। लापरवाही का आलम यह है कि बिना आवटन के ही मार्च माह का वेतनादि भुगतान किया जा सकता है। इसका उपयोग बाबू लोग नहीं किये। समयानुसार वर्ष 2015-16 के वित्तीय वर्ष के अंतिम माह मार्च का वेतनादि ऑन लाइन नहीं करने से सैकड़ों कर्मी खामियाजा भुगत रहे हैं।
इस केन्द्र के सैकड़ों कर्मियों को समयानुसार वेतन नहीं मिल रहा है। पिछले तीन माह से कर्मियों का वेतनादि भुगतान नहीं होने की खबर है। जानकारी के अनुसार वेतनादि ऑन लाइन से विमुक्त करने का प्रावधान है। मजे की बात है कि वित्तीय वर्ष 2016-17 का वेतनादि अप्रैल और मई को ऑन लाइन कर दिया गया। इसके बाद मार्च और जून माह का वेतनादि ऑन लाइन करने का प्रयास किया गया। कम्प्यूटर ग्रहण करने के मूड में नहीं है। इसका कारण मार्च माह का वेतनादि है। जो राह में पत्थर बनकर खड़ा हो गया।
तीन माह से बड़ा और छोटा बाबू टहला रहे हैं। इस तरह के टहलाने से वेतन पर निर्भर कर्मियों की हालत बद से बदतर होती चली जा रही है। बच्चों के दूध बंद हो गया है। स्कूल फीस नहीं देने के कारण बच्चों को बीच में से स्कूल छोड़ने को बाध्य हैं। रोगग्रस्त परिजनों का इलाज नहीं हो पा रहा है। यह हाल तीन माह से वेतन के लाले पड़े परिवारों के समक्ष बीत रहा है।
यह दुर्भाग्य है कि सरकार के घर में आवटन होने के बाद भी सरकारी कर्मियों को दूसरे लोगों के समक्ष हाथ पसारकर कर्ज लेने को बाध्य होना पड़ रहा है। जब कर्मी बड़ा और छोटा बाबू से शिकायत करते हैं तब उनके द्वारा जवाब दिया जाता है कि एक सप्ताह के अंदर मार्च और जून का वेतनादि का ऑन लाइन कर दिया जाएगा। देश के नेताओें की तरह ऑल लाइन कर देने का आश्वासन पूर्ण ही नहीं हो पा रहा है।
वेतनादि भुगतान करने को पर्याप्त राशिः इस समय कर्मियों को वेतनादि मद में राशि विमुक्त करने का पर्याप्त राशि है। अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में जुलाई माह तक वेतन दिया गया है। केवल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, धनरूआ के कर्मियों को वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है। पटना जिले के सिविल सर्जन डाक्टर गिरीन्द्र शेखर सिंह से निवेदन किया गया है कि कर्मियों को नियमित वेतन देने की व्यवस्था करें। इसमें व्यवधान डालने वाले बड़ा और छोटा बाबू को सबक सिखाये।
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा,दीघा घाट,पटना।
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