Tuesday 7 March 2017

द्विपक्षीय समझौता संपन्न

पटना। त्रि-वर्षीय समझौता और त्रि-पक्षीय वार्ता के गर्भ से उत्पण कर्मचारियों की मांगा को कम से कम देने पर अमादा है मिशनरी संस्थान। बिहार सरकार से पंजीकृत और मान्यता प्राप्त है कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल। आरंभ में हॉस्पिटल की प्रशासिका द्वारा हाथ उठाकर वेतन बढ़ोतरी की जाती थी। इस तरह की प्रवृति को खत्म करने के लिए एकजुट होकर कर्मचारियों ने कुर्जी होली फैमिली अस्पताल कर्मचारी यूनियन गठित किये। इसके बाद यूनियन भारी पड़ने लगा था प्रबंधन पर। अब इसका विपरित हो गया है। इसका परिणाम यह है कि 2013-16 में 28 प्रतिशत वेतनमान में बढ़ोतरी की गयी। अब 2016-19 में 31 प्रतिशत वेतनमान में बढ़ोतरी की गयी। वह भी 30 प्रतिशत का ही एरियल भुगतान होगा। 1 प्रतिशत डंडीमार के शिकार हो गया है। 

जी, केन्द्र ने केन्द्र कर्मचारियों को जनवरी 2016 से सप्तम वेतनमान दे रहीं है। वहीं राज्य सरकार सप्तम वेतनमान देने के लिए फिटमेंट कमेटी गठित की है। सीएम नीतीश कुमार ने जनवरी 2017 रो सप्तम वेतनमान देने का ऐलान कर दिये हैं। इसको लेकर राज्यकर्मियों में आक्रोश है। राज्यकर्मियों का कहना है कि फिटमेंट कमेटी का औचित्य नहीं हैं और न ही एक साल विलम्ब से लागू करने का ही मतलब है। 1 साल साफ करने की राह सरकार अपना ली है। इधर राज्यकर्मियों को अक्टूबर 16 से वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है। शराब रोकने में लगी सरकार ने आवंटन निर्गत नहीं करने का काम किया है। 
बहरहाल मेडिकल मिशन सिस्टर्स सोसायटी की सिस्टर जोन मथाइकल हैं। कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल की प्रशासिका रही हैं। इनके ही प्रशासिकाकाल में कुर्जी होली फैमिली अस्पताल कर्मचारी यूनियन का गठन हुआ। यहां पर हर तीन साल में मांगों की सूची पेश की जाती है। इस पर प्रशासिका और यूनियन के बीच में वार्ता होती है और समझौता का आसार नहीं होने पर उप श्रमायुक्त से पहल करने की मांग होती है। इस तरह त्रिपक्षीय समझौता संभव हो पाता है। इस बीच कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल और नाजरेत हॉस्पिटल चलाने वाली संस्थाओं के बीच में समझौता हो गयी। दोनों संस्थाओं के बीच में सहमति बनी कि मिलकर हॉस्पिटल को चलाएंगे। दोनों संस्थाओं के मिलने से असरदार प्रशासिका ने यूनियन को दबाकर समझौता वार्ता प्रारंभ कर दी। अब त्रिपक्षीय वार्ता न होकर द्विपक्षीय वार्ता होने लगी इसका असर कर्मचारियों के विपरित में गया। 2016 में प्रेषित मांगों की सूची पर 2017 में समझौता हो गयी। समझौता के मुताबिक 31 प्रतिशत वेतनमान में बढ़ोतरी की गयी है। अप्रैल 2016 से मार्च 2017 तक 30 प्रतिशत वेतनमान में बढ़ोतरी होगी। 1 प्रतिशत को अप्रैल 2017 से जोड़कर 31 प्रतिशत बढ़ोतरी कर दी जाएगी। इस तरह अप्रैल 2016 से मार्च 2017  तक एरियर जोड़कर कर्मियों को वेतन दिया जाएगा। 

आलोक कुमार

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