Tuesday 7 March 2017

संत जोसेफ एकेडमी का स्थापना दिवस मनाया


पूर्वी चम्पारण। ग्रामीण परिवेश में रहने और बढ़ने वाले बच्चों को मिला है मौका। मिशनरी स्कूलों में पढ़ने वाले पति और पत्नी ने मिलकर शिक्षा का प्रसार-प्रचार का किया है निश्चय। इसका सार्थक परिणाम सामने आया। केवल साल भर से पढ़ने वाले बच्चों ने शानदार प्रदर्शन किया है संत जोसेफ एकडेमी में। कुछ दिनों की तैयारी में छात्राओं ने शानदार नृत्य प्रस्तुत किये। मेरे अच्छे चंदा मामा, मेरे घर में आ जाना.....!  प्रस्तुत नृत्य को देखकर उपस्थित दर्शकों में अमिट छाप छोड़ गए। एल.के.जी. के बच्चों ने परिजनों का मन मोह ही लिये। सभी ताली बजाने को रोक नहीं सके। 

पश्चिम चम्पारण में स्थित बगहा पल्ली में रहते हैं संदीप रफायल। इनका विवाह मोरफा पल्ली में रहने वाली लीना रूमोल्ड से हुआ। पटना विमेंस कॉलेज से बी.ए.उर्त्तीण करने के बाद संत जेवियर कॉलेज ऑफ एडुकेशन से बीएड की। फिरवक्त सरकारी शिक्षिका लीना है। पति संदीप और पत्नी लीना ने मिलकर शिक्षा का दीप जलाने का निश्चय किया। दोनों मिलकर मार्च 2016 में पूर्वी चम्पारण में स्थित पंचपकड़ी में संत जोसेफ एकेडमी नामक स्कूल शुरू कर दिये। इस समय के.जी.से प्रथम कक्षा तक वर्ग संचालित है। 6 टीचर हैं। संत जोसेफ एकडेमी के प्रधानाध्यापक संदीप रफायल हैं। प्रधानाध्यापक और टीचरों के व्यवहार और निछावरपूर्ण कार्य बदौलत 150 बच्चे अध्ययनरत हैं। 

रविवार को संत जोसेफ एकेडमी का स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि फादर साजी थे। मौके पर मोरफा पल्ली के पल्ली पुरोहित फादर साजी ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षित होना अनिवार्य है। शिक्षा के बल पर ही अंधेरे को सात समंदर पार किया जा सकता है। मौके पर परिजनों और बच्चों को शपथ दिलायी गयी कि स्कूल को मध्य में ही नहीं छोड़ेंगे। आधी रोटी खाएंगे और पूर्ण शिक्षा ग्रहण करेंगे। स्कूल में शानदार कृत्य करने वाले बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया।

आलोक कुमार


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