
पटना। अपने गली में पानी आने की खुशी में लोग। बच्चे और जवानों के साथ बुजुर्ग भी खुश है। देखते ही देखते सप्लाई मिस्त्री ने पाइप पर से ‘टी’को खोलकर हटाया और पानी उछलकर गिरने लगा। लो जी लो पानी आ गया। बांसकोठी के लोग खिल उठे। वर्षों से मायुष चेहरे पर रौनक आ गया।
पश्चिमी दीघा ग्राम पंचायत में है बांसकोठी। तटबंध संख्या 94 में ईसाई समुदाय के लोग रहते हैं। इसको बांसकोठी क्रिश्चियन कॉलोनी कहते हैं। यहां पर जलजमाव की समस्या है। नाली के अभाव में जलजमाव गली में ही हो जाता है। वहीं इसके बगल में रहने वाले तटबंध संख्या 95 के लोग। पेयजल की संकट से परेशान हैं। यहां पर बहुसंख्यक हिन्दू और अल्पसंख्यक मुस्लिम साथ-साथ रहते हैं। काफी मुश्किल से तटबंध संख्या 95 के लोगों के जल संकट दूर हो गयी है।

पी.एच.ई.डी.द्वारा जलापूर्ति केंद्र निर्माणः एक आई.टी.आई.के सामने और द्वितीय आई.टी.आई.हॉस्टल के नियर। यहां पर जलमिनार निर्मित है। दो जलापूर्ति केंद्र और एक जलमिनार रहने के बावजूद तटबंध संख्या 95 के अंदर बांसकोठी के लोगों को पेयजल नहीं मिल पा रहा था। यहां पर रहने वाले दिनेश कुमार ने कहा कि जब हॉस्टल के बगल में जलापूर्ति और जलमिनार केंद्र निर्माण के बाद गलियों में संर्पक पाईप बिछाया गया। गंगा किनारे की ओर से बांसकोठी में पाईप बिछाया। कार्य के दरम्यान पाईप का मुंह बोरा से बंद किया गया। दुर्भाग्य से बिना बोरा निकाले ही पाईप संयोजन कर दिया। इसका नतीजा लोगों के घरों में पानी पहुंचना बंद गया।
एक प्रेशर खत्म और दूसरा ‘प्रेशर’ शुरूः बताते चले कि यहां पर हजार घर हैं। कोई 400 से अधिक कनेक्सन है। 2 साल से पेयजल नहीं मिलने वालों का प्रेशर खत्म हुआ। अब पानी का बहाव कम होने से ‘प्रेशर’ शुरू हो गया। जिन घरों में नल 3 फीट की ऊंच्चाई पर है उनको पानी नहीं मिल पा रहा है। सप्लाई मिस्त्री की चांदी है. मनमौजी रकम वसूल रहे हैं।
काफी मशक्कत करने के बादः बिहार वाटर बोर्ड ने मेन रोड ( बांसघाट-दीघा-दानापुर) को बांसकोठी के सामने रोड कटिंगकर पाईप को तटबंध संख्या 95 के अंदर लाकर पाईप संयोजन किया। ऐसा करते ही लोगों को पेयजल मिलना शुरू हो गया।
आलोक कुमार
मखदुमपुर,पटना.
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