Tuesday 2 May 2017

पेंशन पर आश्रित बीमारियों का इलाज करवाने वाली मुस्मात की स्थिति


 पटना। ग्राम पंचायत नकटा दियारा के वार्ड नम्बर-14 में रहती हैं मुस्मात बेदमीया देवी। दीघा से विस्थापित होने के बाद कुर्जी में पुनर्वासित हैं। जिस जगह पर रहती हैं उसे कुर्जी बिन्द टोली कहा जाता है। कई बीमारियों को शरीर में ढोने वाली मुस्मात बेदमीया देवी को अंतिम बार वर्ष 2015 में जनवरी से सितम्बर तक 2000 रू.मिला। इसके बाद 19 माह से पेंशन नहीं है। अब आप समझ सकते हैं कि पेंशन पर आश्रित बीमारियों का इलाज करवाने वाली मुस्मात की स्थिति क्या होगी?


वर्ष 2015 में जनवरी से सितम्बर तक 2000 रू.मिलाः कुर्जी बिन्द टोली में रहने वाली बेदमीया देवी आपबीती बयान करने लगी। साक्ष्य के तौर पर सामाजिक सुरक्षा पेंशन की पुस्तिका और बैंक खाता पुस्तिका सामने रख देती हैं। साफ तौर पर प्रदर्शित है कि वर्ष 2012 के माह अप्रैल से चालू है सामाजिक सुरक्षा पेंशन। 01.04.2012 से 30.09.2012 तक 200 रू.की दर से 6 माह का 1200 रू.मिला। अक्टूबर से दिसम्बर तक 600 रू.मिला। वर्ष 2013 में जनवरी से मार्च तक 600 रू. मिला। अप्रैल से जून तक 600 रू. मिला। जुलाई से दिसम्बर तक 1200 रू.मिला। वर्ष 2014 में जनवरी से जून तक 1200 रू. मिला। जुलाई से सितम्बर 1200 रू. मिला। अक्टूबर से दिसम्बर 2000 रू. मिला। वर्ष 2015 में जनवरी से सितम्बर तक 2000 रू.मिला। अभी 19 माह से पेंशन भुगतान नहीं हो रहा है। 

कई बीमारियों को शरीर में ढोने वाली हैं मुस्मातः वह मुस्मात कहती हैं कि जब-जब पेंशन की राशि मिलती थी तब-तब जाकर बवासीर की दवा लाकर खाती थीं। इधर पेंशन बंद होने से दवा भी बंद है। दिल का धड़कन भी तेज हो जाता है। इसके कारण बिस्तर पकड़ लेती हूं। भोजन ठीक तरह पचता नहीं है। आगे कहती हैं कि बिन्द टोली में ही कितनों को पेंशन राशि मिली है। जन प्रतिनिधियों के कथनानुसार बैंक में खाता खोल ली है। एक नहीं दो बैंक खाता है। बैंक में जाकर देखती रहती हूं कि राशि आयी है कि नहीं आयी है। राशि तो आने का नाम ही नहीं ले रहा है। हमलोग यानी जितने को पेंशन राशि नहीं मिल रही हैं वह सब के सब परेशान हैं। 

सीएम से गुहारः सीएम नीतीश कुमार के समक्ष गुहार लगाये हैं। आप महिलाओं के कथनानुसार कार्य कर रहे हैं हम महिलाएं भी आपसे निवेदन करती हैं कि सरकारी विभाग में कार्यरत कर्मियों को प्रत्येक माह वेतनादि निर्गत करें। हमलोगों को भी पेंशन राशि नियमित भुगतान करेंगे। हालांकि आरंभ में नियमित ढंग से तीन-तीन माह के अंदर भुगतान किया जाता था। जब से शराबबंदी की गयी है कि वित्तीय व्यवस्था चरमरा गयी है। 2016 से शराबबंदी है। वर्ष 2016 में पेंशन राशि भुगतान ही नहीं की गयी।  

आलोक कुमार



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