Monday 21 February 2022

लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सजा सुनाने के साथ 60 लाख रुपये का जुर्माना


पटना. आज सोमवार को चारा घोटाले के तहत डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये के गबन के मामले में दोषी करार दिये गये राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव को पांच साल की सजा सुनाई गई है.कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाने के साथ 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अन्य अभियुक्तों को कैद के अलावा दो करोड़ रुपए तक जुर्माने की सजा सुनाई है. पूर्व सांसद आर के राणा को भी मामले में 5 साल कैद और 60 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है. पशुपालन विभाग के तत्कालीन सचिव बेक जूलियस को चार वर्ष कैद और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है.

लालू प्रसाद यादव के वकील देवर्षि मंडल ने अदालत में कहा कि उनके मुवक्किल की उम्र लगभग 75 वर्ष हो चुकी है और वह 17 विभिन्न तरह की बीमारियों से पीड़ित हैं जिसे ध्यान में रखते हुए, रहम दिल हो कर उन्हें सजा सुनाई जाए. इसी प्रकार अन्य कई अभियुक्तों की ओर से कहा गया कि इस मामले में 26 साल तक मुकदमा चला है जो अपने आप में एक सजा है, अतः उनकी बीमारी और उम्र के मद्देनजर अदालत रहम करते हुए कम से कम सजा सुनाए.

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि यह तो होना ही था.राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के पांचवें मामले में भी सजा होना कोई आश्चर्य की बात नहीं, लेकिन आश्चर्य यह है कि शिवानंद तिवारी, वृषिण पटेल, प्रेमचंद मिश्रा जैसे जिन लोगों ने चारा घोटाला में मुकदमा दायर किया था,वे बाद में पलटी मार कर लालू प्रसाद से मिल गए और भ्रष्टाचार का राजनीतिक बचाव करने वाले कुतर्क देने लगे.

इस घोटाले में अधिकारियों और नेताओं की गहरी सांठगांठ थी.सीबीआई जांच में पता चला कि इस घोटाले में 400 सांड को हरियाणा और दिल्ली से स्कूटर और मोटरसाइकिल से लाया गया. पशुपालन विभाग ने अपनी रिपोर्ट में जिन गाड़ियों का जिक्र किया था, उनके नंबर मोटरसाइकिल और स्कूटर के थे. सीबीआई की जांच में बताया गया कि दाना, बादाम, खरी, नमक, मक्का जैसे पशु चारे की बड़ी खेप को लाने में स्कूटर, मोटरसाइकिल और उस जमाने में चलने वाली गाड़ी मोपेड का रजिस्ट्रेश नंबर दिया गया था. इस मामले की जांच के दौरान सीबीआई ने अलग-अलग कोषागारों से गलत ढंग से अलग-अलग राशियों की निकासी को लेकर 53 मुकदमे दर्ज किए थे.सभी निकासी 1996 में की गयी थी.

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इन पाला-बदल लोगों  और राजद ने भाजपा पर बार-बार लालू प्रसाद को फँसाने के अनर्गल आरोप लगाये.इन लोगों को न्यायपालिका पर केवल तभी भरोसा हुआ, जब लालू प्रसाद को जमानत मिली.1996 के चारा घोटाला मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद पर जब पहला अभियोग पत्र दायर हुआ, तब केंद्र में भाजपा नहीं, कांग्रेस के समर्थन वाली देवगौड़ा सरकार थी.

 जब लालू प्रसाद को इस मामले में पहली बार सजा हुई, तब भी भाजपा नहीं, मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार थी. यदि लालू प्रसाद को फँसाया गया था, तो 2004 से 2014 तक केंद्र में राज करने वाली कांग्रेस ने लालू प्रसाद को क्लीनचिट क्यों नहीं दिलवायी? यदि लालू प्रसाद को फँसाया गया था, तो 2004 से 2014 तक केंद्र में राज करने वाली कांग्रेस ने लालू प्रसाद को क्लीनचिट क्यों नहीं दिलवायी?यदि लालू प्रसाद को फँसाया गया था, तो 2004 से 2014 तक केंद्र में राज करने वाली कांग्रेस ने लालू प्रसाद को क्लीनचिट क्यों नहीं दिलवायी?

अंशु यादव ने कहा कि सृजन का जब जांच होगा , बहुत जल्द . इंतजार करें कौन क्या हैं जनता सब जानती है. जनता ने ही बिहार मे राजद को सत्ता पर बिठाया ,लेकिन शासन और प्रशासन ने जनमत की चोरी कर नीतीश को मुख्यमंत्री घोषित कर दिया ,फिर भी राजद बिहार का सबसे बड़ा पार्टी हैं.                        

अशोक सिंह ने कहा कि लालू यादव को 5 साल की सजा और 60 लाख के जुर्माने से किसी को आश्चर्य नहीं हुआ. यह तो होना था. लालूजी का पीएम देव गौड़ाजी  के समय और पहली सजा मनमोहन सिंहजी के समय हुआ. फिर भी फँसा दिया गया यही राग अलापा जाएगा.संजीव कुमार ने कहा कि बड़े मोदी नेहरू का और छोटे मोदी लालू का नाम न ले तो शायद इनका राजनीतिक कैरियर का बंटाधार हो जाता. शर्म तो आनी नही चाहिये क्योंकि सब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे जो ठहरे.                       

इम्तियाज  अहमद ने कहा कि अगर लालू जी कल बीजेपी से समझौता कर लेते तो यह पूरी तरह से पाक साफ हो जाते है और हुआ भी है हरियाणा के अंदर आपकी सीबीआई है जो चाहो फैसला सुना दो ! सच्चाई है !डॉ.विजय प्रकाश ने कहा कि सीबीआई जब पालतू तोता है तो सजा लालू जी को ही होगा, सजा न तो सेंगर और चिन्मयानंद को होगा और न देश बेचने वालों को होगा?

इस बीच लालू प्रसाद के वकील ने कहा कि हम हाई कोर्ट जाएंगे. वहां बेल पिटीशन फाइल किया जाएगा. इसमें तर्क दिया जाएगा कि लालू प्रसाद यादव ने आधी सजा काट ली है. लालू प्रसाद यादव के वकील ने बताया कि हमने कोर्ट में खराब सेहत का हवाला दिया था. इस वक्त लालू यादव 75 साल के हैं. लालू यादव के अलावा इस मामले में 38 दोषियों को भी विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये सजा सुनाई. केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश एस के शशि ने 15 फरवरी को इन सभी को दोषी करार देते हुए सजा पर सुनवाई के लिए 21 फरवरी की तारीख तय की थी.

चाईबासा कोषागार से अवैध तरीके से 37.7 करोड़ रुपये निकालने के आरोप में लालू यादव को 5 साल की सजा हुई.

देवघर कोषागार से 84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी के आरोप में लालू को 3.5 साल की सजा हुई.

चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के आरोप में लालू को 5 साल की सजा मिली

दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी के मामले में लालू को दो अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई गई.

डोरंडा कोषागार से 139.5 करोड़ रूपये की अवैध निकासी के मामले में लालू को 5 साल की सजा सुनाई गई.

आलोक कुमार


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