Monday, 21 March 2022

चौथी लहर के बारे में कहा गया कि 22 जून को आगमन 23 अगस्त को चरम पर और 24 अक्टूबर को समाप्त

कानपुर.एक बार फिर महामारी कोरोना से सचेत रहने की जरूरत है.कोरोना ने प्रथम और द्वितीय चरण में भयंकर रूप प्रर्दशित कर चुका है.तीसरे चरण कोई खास नहीं रहा.अब जो नवीनतम आईआईटी ने किया है.भारत समेत दुनिया भर में कोरोना वायरस के नए केसों में लगातार गिरावट का दौर जारी है. इसके चलते उम्मीद की जा रही थी कि जल्दी ही देश को कोरोना संक्रमण से मुक्ति मिल जाएगी. हालांकि यह उम्मीद कमजोर पड़ती दिख रही है. इसकी वजह ओमिक्रॉन वेरिएंट का एक नया सब वेरिएंट डिवेलप होना है, जिसका नाम स्टील्थ रखा गया है.चीन में इसके मामले तेजी से मिल रहे हैं. इसके अलावा इजरायल ने भी इसके दो मामले मिलने की पुष्टि की है. इस नए वेरिएंट के चलते दुनिया में कोरोना वायरस की चौथी लहर आने का डर सताने लगा है.

स्टील्थ सब वेरिएंट इसलिए खतरनाक है क्योंकि इसे डिटेक्ट करना मुश्किल है. यह ओमिक्रॉन वेरिएंट से काफी अलग है. यह ओमिक्रॉन के दो सब-वेरिएंट्स से मिलकर बना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि यह सब-वेरिएंट भी ओमिक्रॉन के ही जितना खतरनाक है. WHO ने कहा कि इस वेरिएंट पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है क्योंकि यह टेस्टिंग में कम मिलता है. इसके अलावा दुनिया भर में घटते केसों को लेकर भी संस्था ने कहा कि टेस्टिंग कम हुई है और इसके चलते भी मामले कम देखने को मिल रहे हैं.

हालांकि स्टील्थ वेरिएंट को लेकर एक राहत की बात यह कही जा रही है कि इससे श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्से पर ही असर पड़ता है. इसका अर्थ है कि फेफड़े तक यही नहीं पहुंचता और गले तक ही सीमित रहता है.ओमिक्रॉन के भी कुछ ऐसे ही लक्षण थे. इससे पहले भारत में दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार रहा डेल्टा वेरिएंट सीधे फेफड़ों पर अटैक कर रहा था और उसके चलते ऑक्सीजन की कमी देखने को मिली थी.


आईआईटी ने अपनी स्ट्डी में भारत में 22 जून तक चौथी लहर शुरू होने का दावा किया है.अब तक देश में 180 करोड़ से ज्यादा कोरोना टीके लगाए जा चुके हैं.गौरतलब है कि बीते कुछ महीनों में भारत समेत दुनिया की कई अर्थव्यवस्थाओं ने अच्छी रिकवरी की थी.ऐसे में यदि कोरोना की नई लहर आती है तो फिर हेल्थ के साथ ही मार्केट पर भी इसका असर देखने को मिलेगा और यह घातक स्थिति होगी. हालांकि माना जा रहा है कि अब आने वाली लहर पहले के मुकाबले कमजोर ही होगी.इसकी एक वजह बड़े पैमाने पर लोगों का टीकाकरण होना है.

भारत में जून के मध्य में चौथी कोविड लहर देखने की संभावना है और वृद्धि लगभग चार महीने तक जारी रहने की संभावना है.अध्ययन में कहा गया है कि हालांकि, लहर की गंभीरता नए रूपों के उद्भव, टीकाकरण की स्थिति और बूस्टर खुराक के प्रशासन पर निर्भर करेगी.अनुसंधान का नेतृत्व आईआईटी कानपुर के गणित विभाग के शलभ, सबरा प्रसाद राजेशभाई और सुभ्रा शंकर धार ने किया था, जिसमें जिम्बाब्वे के आंकड़ों के आधार पर गाऊसी वितरण के मिश्रण का उपयोग किया गया था.

शोधकर्ताओं के अनुसार, डेटा इंगित करता है कि भारत में कोविड की चौथी लहर 30 जनवरी 2020 की प्रारंभिक डेटा उपलब्धता तिथि से 936 दिनों के बाद आएगी.अध्ययन में कहा गया है, "इसलिए, चौथी लहर 22 जून, 2022 से शुरू हो सकती है, जो 23 अगस्त, 2022 को अपने चरम पर पहुंच सकती है और इसके 24 अक्टूबर, 2022 को समाप्त होने का अनुमान है.

आलोक कुमार

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