और गोश्त और भुजा का पर्व का श्रीगणेश करने वाले उत्तर बिहार के ईसाई समुदाय ही हैं.सोशल मीडिया फेसबुक पर गोश्त और भुजा का चित्र वायरल है.पेश है स्वीटी माइकल और आलोक कुमार की रिपोर्ट
बेतिया.आज 1 मार्च को गोश्त और भुजा का पर्व. कल 2 मार्च को राख बुधवार है. कल उपवास का दिन है. संत पापा फ्रांसिस ने उपवास करके प्रार्थना करने का आह्वान किया है. प्रत्येक मिस्सा के बाद माथे पर पवित्र राख लगाया जाएगा.कल कंूस रास्ता भी होगा. चर्च में भीड़ लगना शुरू हो जाएगी.
आज मंगलवार 1 मार्च है गोश्त और भुजा का पर्व
पश्चिम चम्पारण जिले में है बगहा प्रखंड.जो उत्तर बिहार के अभिन्न अंग है. ईसाई समुदाय का बेतिया धर्मप्रांत में हैं.इस धर्मप्रांत में है चखनी पल्ली. चखनी पल्ली में सिस्टर अलाकोक का जन्म हुआ. पवित्र ह्दय समाज की सिस्टर अलाकोक हैं.पिछले दिनों सिस्टर अलाकोक का निधन हो गया. उनका अंतिम संस्कार का पवित्र मिस्सा पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष सेबेस्टियन कल्लूपुरा ने किया. इस अवसर पर आयोजित मिस्सा पूजा के उपदेश में पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष सेबेस्टियन कल्लूपुरा ने आपबीती बयान करते हुए कहा कि मैं केरल के रहने वाला हूं. मुझे गोश्त और भुजा के पर्व के बारे में के बारे में जानकारी नहीं थी.आगे उन्होंने कहा कि उस समय मैं पुरोहित था.किसी जगह से चलकर सिस्टर अलाकोक पल्ली में आयी थीं. और पल्ली में आते ही कहने लगी कि आज गोश्त और भुजा का पर्व है.जल्दी से गोश्त और भुजा खरीदकर लाये.तब जाकर मुझे गोश्त और भुजा पर्व के बारे जानकारी मिली. प्रभु येसु ख्रीस्त के दुख भोग की पूर्व संध्या पर उत्तर बिहार के ईसाई समुदाय गोश्त और भुजा का पर्व मनाते हैं.यह उनका संकल्प है कि चालीस दिन तक गोश्त और मछली का सेवन नहीं करेंगे. उसी को आज दोहराया गया. दुख भोग की पूर्व संध्या पर यानी मंगलवार को गोश्त और भुजा का पर्व मनाकर अगले दिन बुधवार को प्रभु यीशु ख्रीस्त के दुख भोग में शामिल होते हैं.बताया जाता है कि प्रारंभ में कठोर नियम के तहत ईसाई समुदाय बंधे थे.उनको सख्ती के साथ उपवास और परहेज करना ही पड़ता था. मांस,मछली और शराब का सेवन मना था.मगर समयानुसार कैथोलिक के कर्ताधर्ता नियमों में सहुलियत देने लगे.अब सिर्फ राख बुधवार और गुड फाइडे को ही उपवास रखना है.कलीसिया के उपवास और परहेज के नियम में सख्ती रहने के कारण खाते-पीते लोगों ने संकल्प लिये कि प्रभु येसु ख्रीस्त के दुरूखभोग शुरू होने की पूर्व संध्या पर गोश्त और भुजा का पर्व मनाते हैं.इस अवसर पर संकल्प लेते हैं कि चालीस दिनों तक गोश्त और भुजा का सेवन नहीं करेंगे.तब से यह चलन उत्तर बिहार के ईसाइयों के बीच शुरू हुआ.जहां भी गये लागू करते चले गये.यह अनौपचारिक घोषणा है.यह पवित्र बाइबिल में उल्लेखित नहीं हैं.
2 मार्च राख बुधवार है
2 मार्च राख बुधवार है. बुधवार से प्रभु येसु ख्रीस्त का दुखभोग शुरू हो जाएगा.
जो चालीस दिन चलेगा.इस चालीसा अवधि में रविवार को छोड़ दिया जाता है.इसे लेंट पीरियड भी कहा जाता हैं.इन चालीस दिनों में ईसाई समुदाय गमगीन रहते हैं.प्रभु येसु ख्रीस्त के दुख पर चिंतन-मनन करते रहते हैं.प्रार्थना करते और उपवास और परहेज करते हैं.इस दिन से चालीस दिनों तक उपवास और परहेज शुरू हो जाएगा.इस अवसर पर पोप फ्रांसिस ने राख बुधवार 2 मार्च को उपवास रखकर प्रार्थना करने का आह्वान ईसाई समुदाय से किया है.मकसद है रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी युद्ध में खत्म करके शांति कायम करना.बताते चले कि खारकीव से बहुत बुरी खबर.वहां एक भारतीय स्टूडेंट कर्नाटक निवासी नवीन कुमार की रूसी हमले में मौत. विदेश मंत्रालय ने की मौत की पुष्टि. वहां हालात बिगड़े. चारों ओर हमले से दहशत है.कुर्जी पल्ली के प्रधान पल्ली पुरोहित फा. पीयुस माईकेल, येसु समाजी ने पवित्र राख बुधवार के कार्यक्रम के बारे में बताया कि 02 माार्च 2022 को पहला मिस्सा - सुबह साढे़ छह (6.30) बजे से होगा. दूसरा मिस्सा - सुबह साढ़े आठ (8.30) बजे से होगा. पहला क्रूस रास्ता - शाम को साढ़े तीन (3.30) बजे से और दूसरा क्रूस रास्ता - शाम को पाँच (5.00) बजे से होगा.शाम का मिस्सा - दूसरे क्रूस रास्ता के बाद होगा. प्रत्येक मिस्सा के बाद माथे पर पवित्र राख लगाया जाएगा.भक्तगण कृपया एक लाईन में पवित्र राख और परम प्रसाद के लिए आयें.
आलोक कुमार
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