Thursday 5 January 2023

 *अनुसूचित जाति-जनजाति समिति की बैठक में माले विधायकों ने उठाया बेदखली व दलितों के उत्पीड़न का मुद्दा


*बेदखली, दलित उत्पीड़न व दलित छात्रावासों से संबंधित ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपा


पटना.अनुसूचित जाति-जनजाति बिहार राज्य समिति की बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में विगत 4 जनवरी को हुई बैठक में भाकपा-माले विधायक दल के उपनेता सत्यदेव राम, फुलवारी विधायक गोपाल रविदास और अगिआंव विधायक मनोज मंजिल ने हिस्सा लिया.


माले विधायकों ने पूरे राज्य में जल-जीवन हरियाली योजना के तहत दलितों-गरीबों पर चलाए जा रहे बुलडोजर के मसले को पूरी मजबूती के साथ उठाया. माले विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि सरकार कहती है कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए किसी भी गरीब का घर तोड़ा नहीं जाएगा, लेकिन कहीं भी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है. सरकार के बारंबार आश्वासन के बाद भी राज्य के कई जिलों में बरसो बरस से बसे दलित-गरीबों पर बुलडोजर की मार पड़ रही है. उन्हें उजाड़ दिया गया है या उजाड़ने की नोटिस थमा दी गई है. सरकार इसपर रोक लगाए और नया सर्वे कराकर दलितों-भूमिहीनों के लिए नया वास-आवास कानून बनाए. 


उन्होंने पूर्णिया, दरभंगा, बक्सर, पूर्वी चंपारण, नवादा, मुजफ्फरपुर, दानापुर, अररिया आदि जगहों पर दलितों के उजाड़ने की चल रही प्रक्रिया से प्रभावित परिवारों की सूची मुख्यमंत्री को सौंपी. मुख्यमंत्री ने बैठक में आश्वासन दिया कि विस्थापन की समीक्षा की जाएगी. यह भी कहा कि सभी विस्थापितों के पुनर्वास करने का दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिया गया है.


गोपाल रविदास ने राज्य में इस बीच हुए दलित उत्पीड़न व हाजत में हुई मौतों का मसला उठाया. उन्होंने मसौढ़ी के हांसाडीह गांव में शराबबंदी के नाम पर महादलित टोले पर बर्बर पुलिसिया दमन का मामला उठाते हुए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की. उन्होंने समस्तीपुर के सातनपुर में एक दलित लड़की के साथ बलात्कार व हत्या का भी मामला उठाया. जहानाबाद में हाजत में हुई मौत और बेगूसराय में दलित उत्पीड़न की घटनाओं को सविस्तार रखते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की. 


उन्होंने बाथे-बथानी-नगरी जैसे दलित जनसंहारों की अद्यतन रिपोर्ट सरकार से मांगी और टाडा के तहत जेल में बंदियों की रिहाई की भी मांग की. कहा कि टाडा के तहत अरवल के 14 दलित व अन्य जाति समुदाय के लोगों ने बीस वर्षों की अपनी सजा की अवधि पूरी कर ली है, लेकिन अब भी कई दलित लोग जेल से रिहा नहीं हुए हैं. उनके नाम हैं - 1. श्याम चैधरी 2. माधव चैधरी और 3. अरविंद चैधरी. इन्हें अविलंब रिहा किया जाए.


मनोज मंजिल ने चांदी लाॅज आरा, अंबेदकर छात्रावास पटना समेत बिहार के दलित छात्रावासों की ग्राउंड रिपोर्ट से मुख्यमंत्री को अवगत करवाया. उन्होंने भोजपुर के जगदीशपुर में महादलितों के सुअर की हुई मौत का मसला उठाते हुए उसके मुआवजे की मांग की. महादलित टोले तक पहुंच पथ की स्थिति से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया और इस संबंध में एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपा.


भाकपा-माले विधायकों ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हमारे ज्ञापन पर मुख्यमंत्री गंभीरता से विचार करेंगे और ठोस कार्रवाई करेंगे.


आलोक कुमार 


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