यक्ष्मा बीमारी से बेहाल सहदेव मांझी
जमसौता मुसहरी में रामचन्द्र मांझी रहते हैं। इनके 6 संतान हैं। तीन लड़का और उतने ही लड़की हैं। पुत्र सहदेव मांझी को यक्ष्मा बीमारी हो गयी है। इस गांव में रहने वाली पूनम देवी के अनुसार सहदेव मांझी यक्ष्मा बीमारी को छुपाकर रखे थे। उनको कई बार कहा गया कि उप स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर चिकित्सकों से दिखाकर उचित परामर्ष प्राप्त करें। परन्तु इस ओर ध्यान नहीं दिया ।
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सहदेव मांझी ने कहा कि उसकी शादी रेखा देवी के संग हुई है। दोनों के तीन संतान है। वह मजदूरी करने जाता था। उसे मजदूरी में 150 रूपये मिलता है। बीमार पड़ने के बाद पिता जी मजदूरी करके लाते हैं। तब जाकर चूल्हा जलता है और खाना बनता है। रोगी सहदेव मांझी को बताया गया कि यह एक संक्रामक बीमारी है। इसके आलोक में सरकार ने ‘डॉट’कार्यक्रम के द्वारा निःशुल्क दवा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है। दवा षुरू करने के पहले बलगम जांच की जाती है। तीन दिनों तक तीन बार जांच करायी जाती है। ‘डॉट’ के तहत प्रत्यक्ष रूप से स्वास्थ्यकर्मी के ही देखरेख में रोगी को दवा खिलायी जाती है। सप्ताह में तीन दिन दवा खानी पड़ती है। सुचारूढंग से दवा सेवन करने से तीन से नौ माह के अंदर यक्ष्मा बीमारी छू मंतर हो जाता है।
रामचन्द्र
मांझी ने कहा
कि हम लोगों
को ठीक तरह
से जानकारी करने
वाले शख्स नहीं
है। जो ठीक
तरह से बता
सके और मार्ग
दर्शन कर सके।
जो पैसा बचत
करके रखा गया
था उसी से
सहदेव की जांच
और दवा ली
गयी है। पैसे
के अभाव पड़ने
पर महाजनों और
सूदखोरों के पास
जाकर 10 रूपये सैकड़ा पर
पैसा लाया जाएगा।
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