Tuesday 19 February 2013

Gaya

        

5 संकुल संसाधन केंद्र के एक-एक शिक्षक को सफलता के सोपान कार्यक्रम के दौरान किया पुरस्कृत

दो बजे लेट नहीं और तीन बजे भेट नहीं लोक उक्ति समाप्त

इस कार्यक्रम में 50 शिक्षक थे शामिल

   बोध गया। गया जिले में शिक्षा के प्रति माहौल बदल रहा है। बेहतर काम करेंगे तो पुरस्कार मिलेगा ही। इसे पहली बार मानपुर प्रखंड की धरती पर उतारा गया है। यहां के पांच संकुल संसाधन केन्द्र के षिक्षकों ने दिल से और कुछ हटकर कार्य कर डाले हैं। ऐसा करने वाले शिक्षकों को पुरस्कार दिया गया है। अब राज्य सरकार देखे,समझे और अनुषरण करें। एनजीओ से दरकिनार करने वाली सरकार इस नवीनीकरण प्रक्रिया को पूरे राज्य में लागू करें। ऐसा करने से जरूर ही स्कूल से भागने वाले बच्चे स्कूल में और शिक्षक के बारे में दो बजे लेट नहीं और तीन बजे भेट नहीं वाली लोक उक्ति को समाप्त किया जा सकता है।
  मौका था सेव चिल्ड्रेन के द्वारा सहायता प्राप्त करके गैर सरकारी संस्था प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा मानपुर प्रखंड के 9 पंचायतों के 50 राजस्व गांव और 5 संकुल संसाधन केन्द्र के कार्यक्षेत्र में शानदार कार्य करने के बाद संकुल संसाधन केन्द्र के पांच शिक्षकों को सम्मानित करना। जिला शिक्षा पदाधिकारी विनोद कुमार झा ने 5 संकुल संसाधन केंद्र से एक-एक शिक्षक को उनके बेहतर कार्य के लिये पुरस्कार दिया। मध्य विधालय, गोगा के रूपेश कुमार को उनके बेहतर कार्य के लिये पुरस्कर दिया गया। मध्य विधालय, बदरा बदहपुर के धन्नजय भारद्वाज को बच्चों के बीच विधालय अवधि के पश्चात मार्गदर्शन देने के लिये। प्राथमिक विधालय, नवादा से हेमंत कुमार विधार्थी को विकट परिस्थितियों में भी एकल शिक्षक होने के बावजूद भी महादलित बच्चों में शिक्षा के अलख जगाने के लिये पुरस्कार दिया गया मध्य विधालय, अमरा के शिक्षक मुकेश कुमार को पूरे संकुल के शिक्षकों में बेहतर समन्वय करने के लिये पुरस्कार दिया गया। मध्य विधालय, अबगिला के शिक्षक शैलेंद्र कुमार को बच्चों के प्रति रूचिकर बाते बताने के लिये पुरस्कार दिया गया।
  इसके पहले प्रगति ग्रामीण विकास समिति के परियोजना निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया उनके कुशल नेतृत्व में एक सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक दल क्रियाशील हैं। इन लोगों के सहयोग से कार्यक्षेत्र में बेहतर कार्य निष्पादन किया जा रहा है। इस दल ने 1 जुलाई 2011 से शिक्षा के गुणवर्ता को बनाये रखने,हर जाति और धर्मों के बीच में समानता और एक दोस्तानापूर्ण माहौल में शिक्षा का प्रसार-प्रचार हो सके को लेकर कार्य कर रहे हैं।
   प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा 1985 से विभिन्न मुद्दों को लेकर कार्य किया जा रहा है। भूमि अधिकार अभियान भी शामिल है। इसके द्वारा 1991 से 1996 तक बिहार शिक्षा परियोजना से जुड़कर पटना जिले के नौबतपुर प्रखंड में कार्य किया गया। नौतबपुर प्रखंड के 5 पंचायतों में बालवाड़ी,वोकेशनल ट्रेनिंग, प्रौढ़ शिक्षा,अनौपचारिक शिक्षा आदि के माध्यम से शिक्षा दी जाती थी। वर्ष 2011 के मध्य से अबतक जितने भी कार्य किये हैं। उन कार्यों को समेटकर सफलता के सोपान कार्यक्रम पेश किया गया। श्री कुमार आशुतोश ने आगे बताया कि कुछ ही सालों में मानपुर प्रखंड के 5 संकुल संसाधन केन्द्र में माइक्रोलाइब्रेरी का सेटअप कर दिया गया है। संकुल की नियमित बैठक आरंभ करा दी गयी है। बाल सभा गठित की गयी है। बाल सभा के सदस्य ही व्यक्तिगत सफाई पर ध्यान देते हैं और स्कूल परिसर की सफाई करते हैं।
  यह पहली बार की गयी है कि सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के संयुक्त मिलन पर वर्ष 2011 से अबतक किये कार्य को पेश किया गया। वह भी उन कार्यों को सरकार के शिक्षा विभाग के अधिकारियों के सामने पेश किया गया। 
सफलतम कायों को परोसते हुए इस अवसर पर सबसे पहले सेव चिल्ड्रेन की शिक्षा परियोजना की परियोजना निदेशक भारती चौहान ने गुजरात राज्य के गीजू भाई बधेका के प्रेरणात्मक कहानिओं को पेश करके शुरु की। उन्होंने कहा श्री बधेका पेशे से वकील होते हुए भी शिक्षा के क्षेत्र मे उल्लेखनीय योगदान दिये हैं।
 संबोधी रिट्रट,बोध गया में जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री विनोद कुमार झा ने बदलते परिवेश में छात्रो को नैतिक शिक्षा किस तरह से दी जाए, को ही केन्द्र बिन्दू बनाकर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा से जुडी हर समस्या का समाधान पुस्तकों में ही नहीं रहता है। जरूरी है उसका अध्ययन करने के बाद उसे आत्मसात कर ले। इस अवसर पर अबगिला मध्य विघालय के शिक्षक धमेंन्द्र कुमार ने कहा कि जब से सेव चिल्ड्रेन आयी है हमारा काम काफी आसान हो गया है। प्राथमिक विघालय, नवादा के शिक्षक हेमंत कुमार विधार्थी ने कहा कि हम हमेंशा यहीं सोचते थे कि सरकारी काम है। मस्ती से काम करना हैं। जब से सुशासन की सरकार आयी है तब से हमलोग काफी परेशान और हैरान हैं। ऐसे में अब एक और एनजीओ वाले आये गये हैं उनसे भी काफी परेशानी में महा परेशानी बढ़ने वाली हैं। दिल मसोसकर उनके द्वारा आयोजित प्रशिक्षण में आनेजाने के बाद यह ज्ञात हुआ कि समुचित संकुल संसाधन केन्द्र के द्वारा मुहैया करवाने वाले संसाधनों को बेहतर ढंग से उपयोग करना चाहिए। और तो और संसाधन के अन्य चीजों को देखने से उससे एक अपनापन सा जगने लगा। नवीकरण आने से विधालय मे काम करने पर जोर लगाना शुरू कर दिये और उसके  फलस्वरूप कल 113 में सिर्फ 22 बच्चे आते थे और वह अब बढ़कर आज 113 में से 86 बच्चे प्रतिदिन विधालय आने लगे हैं। इसके अलावे इसी तरह अन्य शिक्षक भी आगे के वक्ताओं के कथनों में सुर में सुर मिलाकर बेहतर शिक्षण माहौल करने की बात बोले और अब शिक्षण कार्य आसानी होने लगा है। 
  कार्यक्रम के अंत मे प्रगति ग्रामीण विकास समिति के सचिव प्रदीप प्रियदर्शी ने कहा कि शिक्षकों में काफी बदलाव गया है। शिक्षा के प्रसार से माहौल प्रतिकुल असर डालने लगा है। जरूरत है कि हम 50 राजस्व गांव को आदर्श ग्राम गांव बनाने की दिशा में पहल करें। यह सब निर्भर है 5 संकुल संसाधन केन्द्र के शिक्षकों और यहां के बच्चों के सकारात्मक कदम उठाने से ही संभव हो सकता है। इस कार्यक्रम में कुमार आशुतोष, भारती चौहान समेत संकुल समन्वयक मुकेश कुमार, विनोद कुमार, धमेंन्द्र कुमार अन्य गणमान्य शिक्षक उपस्थित रहे।

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