Thursday 7 February 2013

महात्मा गांधी नरेगा को नया आयाम देने में जूटा जहानाबाद



महात्मा गांधी नरेगा को नया आयाम देने में जूटा जहानाबाद

आवासीय भूमिहीनों को भूमि,इंदिरा आवास योजना से मकान,पेयजल,शौचालय और मनरेगा के तहत काम मिले जहानाबाद में
  जिलाधिकारी बालामुरूगम डी और प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास फेलोशीपभोगी पी0के0आनंद और प्रियंका ने जहानाबाद जिले के रोजगार सेवकों की हड़ताल को नकारात्मक लेकर सकारात्मक ही लिया है। हड़ताल से मिली चुनौती को कुछ कर गुरजने का माद्दा मिल गया। 6 महादलित टोला का चयन,मनरेगा में एसएचजी को जोड़ना, महिला मेट का निर्माण, मनरेगा में 6 साल के दौरान 40 प्रतिशत महिलाएं ही जुड़ी थीं और 40 दिनों के परिश्रम में 68 प्रतिशत महिलाएं जुड़ गयी हैं। अब यह कयास लगाया जा रहा  है कि इस आयाम को अन्य जिलों के जिलाधिकारी भी अनुशरण करने लगेंगे। 
 ग्राम प्लेक्स में जहानाबाद प्रशासन और गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ग्रामीण विकास फेलोषीपभोगी पी0के0 आनंद ने बताया कि हम लोग चाहते हैं कि जहानाबाद के 7 प्रखंडों से 1000 महिला मेट की सूची तैयार करें। इन महिला मेटों को निर्धनतम क्षेत्र नागरिक समाज के द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के उपरांत कार्यक्रम पदाधिकारी मेट में बहाल करेंगे। आगे कहा कि मनरेगा में महिलाओं की भूमिका बहुत ही कम है। समूचे भारत में 50 प्रतिशत है। अकेले केरल में 80 प्रतिशत है। बिहार में 31 प्रतिशत है। वहीं जहानाबाद में सिर्फ
40 प्रतिशत है। जहानाबाद प्रशासन के द्वारा चलाये गये 40 दिवसीय पायलट प्रोग्राम में बढ़कर 67 प्रतिशत हो गयी है। अभी यहां पर 15 तरह के कार्य खोल रखा गया है। उन्होंने कहा कि हम लोग गैर सरकारी संस्थाओं का सहयोग लेना चाहते हैं। इसी लिए जहानाबाद जिले में कार्यरत संस्थाओं को बुलाया गया है।
  उन्होंने कहा कि जहानाबाद जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम को नया आयाम दिया गया है। यहां पर क्रियाशील स्वयं सहायता समूह एसएचजी की सदस्यों का सहयोग लिया गया। 40 दिवसीय पायलट प्रोग्राम में एसएचजी की सदस्यों की भूमिका अहम रही। कार्य को बखूबी से अंजाम दी गयी।
  सूबे में रोजगार सेवक हड़ताल पर चले गये। ऐसी परिस्थिति में बहुआंकाक्षी मनरेगा का काम अवरूद्ध हो। इसके आलोक में एसएचजी की सदस्यों का सहयोग लिया गया। मनरेगा में कार्य करने के इच्छुक श्रमिक समूह की सदस्य को आवेदन दे रहे हैं और उन सदस्यों के द्वारा आवेदकों को प्राप्ति रसीद भी दे रही हैं। इस तरह से बेरोजगारी भत्ता की राह खुल जा रही है।
   रोजगार सेवकों की हड़ताल के गर्भ से एक नया आयाम निकला है। 6 महादलितों के टोले का चयन किया गया है। यहां पर जागरूकता अभियान के तहत नुक्कड़ नाटक पेश किया गया। मनरेगा के कानून के अनुसार कार्य किया गया। जिन्होंने काम की मांग किये उनको 15 दिनों के अंदर कार्य दिया गया। काम करने के बदले में दाम नहीं मिलने की शिकायतों को दूर करके 10 दिनों के अंदर ही मजदूरी भुगतान कर दिया गया। अबतक मजदूरी में कटौती करने की शिकायत दूर करके 144 रूपये मजदूरी भुगतान कर दिया गया।  श्रमिकों में से ही चयन करके महिला मेट बनाया गया। षेड की व्यवस्था की गयी। बच्चों के लिए क्रेच का प्रबंधन किया गया। पेयजल देने के लिए एक महिला को रखा गया। प्राथमिक उपचार के किट रखे गये। मस्टर रोल और उपस्थिति पुस्तिका रखने के लिए थैला रखा गया। कुल मिलाकर प्रशासक के द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम बेहतर ढंग से संचालित हुआ।
मौके पर पैक्स के स्टेट मैंनेजर राजपाल ने कहा कि हम लोग सहयोग देने के लिए तैयार  हैं। आरंभ में कुछ पंचायतों का चयन करके कार्य किया जा रहा है। उसे बढ़ाकर संपूर्ण जिले में कर दिया जाएगा। जिला स्तर पर पैक्स कार्यक्रम करने को तैयार है। इस अवसर पर धर्मराज, प्रमोद कुमार, नागेन्द्र गौतम, अनिवेश , संजय पासवान,नागेन्द्र कुमार आदि ने विचार व्यक्त किये। प्रगति ग्रामीण विकास समिति के प्रतिनिधि ने स्पष्ट तौर से जिलाधिकारी से आग्रह किया कि जिले के लोगों को आवासीय भूमिहीनों को भूमि,इंदिरा आवास योजना से मकान,पेयजल,शौचालय और मनरेगा के तहत काम मिले। इस पैकेज के साथ समर्थन करने का ऐलान किया।









  


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