Thursday 4 April 2013

संत हॉस्पीटल में भर्ती किया, जांच और दवाई का दाम नकद राशि वसूला

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत चयनित हॉस्पीटल में धांधली

संत हॉस्पीटल में भर्ती किया, जांच और दवाई का दाम नकद राशि वसूला

भोजपुर। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत चयनित संत हॉस्पीटल,आरा में धांधली होने की शिकायत मिली है। पैक्स के सहयोग से प्रगति ग्रामीण विकास समिति के द्वारा भोजपुर जिले के सहार प्रखंड में काम किया जाता है। भोजपुर जिले की जिला समन्वयक सिंधु सिन्हा ने जब राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के बारे में जागरूकता अभियान चला रही थीं। तब एक-एक कर ग्रामीणों ने आपबीती बयान करने लगे। 

 सहार प्रखंड के नवादा गांव की मांती देवी और उर्मिला देवी ने स्थानीय बस स्टैंड के समीप जवाहर टोला में संचालित संत हॉस्पीटल के द्वारा की गयी धांधली को सामने लायी। सरकार ने हम बीपीएल श्रेणी में रहने वालों को बेहतर लाभ पहुंचाने के लिए हॉस्पीटलों का चयन  किया गया है। परन्तु हॉस्पीटलों के द्वारा गरीबों का शोषण किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का नियम कानून को ठेंगा दिखाया जा रहा है। संत हॉस्पीटल के प्रबंधकों ने नियम को धज्जिया उड़ाकर के रक्त, पैशाब, अल्ट्रासाउंड,दवा आदि खर्च की राशि को मरीज के अभिभावकों के द्वारा नकद भुगतान करवाया गया।

  यह मामला भोजपुर जिले के सहार प्रखंड के नवादा गांव का है। यहां पर बृजमोहन राम रहते हैं। इनकी पत्नी मान्ती देवी हैं। खेतिहर मजदूरों के तीन बच्चे हैं। एक लड़की और दो लड़के हैं। मनी बटाई पर खेती करने वाले परिवार में आफत गयी मांती देवी बीमार हो गयी। स्थानीय चिकित्सकों से परामर्श लिया गया और पता चला कि मांती देवी को लिकोरिया नामक बीमारी हो गयी है। इसके कारण बच्चादानी में सूजन हो गया। मांती देवी को सूजन हो जाने से असहनीय वेदना से तड़प जाती थीं। दर्द से वह बेहाल हो उठती थी।

  यह सुखद बात है कि इस गांव में रहने वालों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत स्मार्ट कार्ड बना है। बच्चादानी की चपेट में जाने के बाद फलस्वरूप दोनों दम्पतियों ने आपस में यह निर्णय किये कि सरकार के द्वारा हासिल स्मार्ट कार्ड से बच्चादानी का ऑपरेशन करवाया जाए। इसके बाद इस बात की जोरदार चर्चा घर गांव में होने लगी। तब पड़ोसी सुपन राम की पत्नी उर्मिला देवी भी अपनी बच्चादानी का ऑपरेशन करवाने की इच्छा जाहिर कर दी। उसके पति सुपन राम ने बृजमोहन राम की पत्नी के साथ जाकर बच्चादानी का ऑपरेशन करवाने सहमति दे दिये।

दोनों पड़ोसी साथ-साथ में 18 जून 2011 को आरा में स्थित संत हॉस्पीटल चल पड़े। इस हॉस्पीटल में स्मार्ट कार्ड से इलाज किया जाता है। दोनों ने हॉस्पीटल के काउंटर पर बैठे शख्स को स्मार्ट कार्ड दिखा दिये। मांती देवी का स्मार्ट कार्ड की संख्या 00019741103189109  और उर्मिला देवी की स्मार्ट कार्ड की संख्या 00030741103189102 है।

मजे की बात है कि दोनों को संत हॉस्पीटल में भर्ती कर लिया गया। इसके बाद से हॉस्पीटल का तमाम खर्च स्मार्ट कार्ड से भुगतान करना था। मगर यहां के हॉस्पीटल कर्मियों ने मरीज के अभिभावकों को पर्चा थमा दिये कि खून,पैशाब,अल्ट्रासाउंड और दवा पर कुल 14 सौ रूपये जाकर खंजाची के पास नकद जमा कर दें। उनके कहने पर दोनों मरीजों के अभिभावकों ने 14-14 रूपये जाकर जमा कर दिये। हॉस्पीटल से छुट्टी होने के बाद यात्रा खर्च नहीं दी गयी। यह कहा गया कि स्मार्ट कार्ड से ऑपरेशन करने के नाम पर ऑपरेशन चार्ज 10 हजार रू0 कटौती की गयी है। योजना के अनुसार मरीज को आवाजाही खर्च हॉस्पीटल के द्वारा दिया जाता है जो ऐसा नहीं किया गया।

मालूम हो कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बीपीएल सूची में रहने वालों को स्मार्ट कार्ड बनता है। उनसे केवल 30 रूपये लिया जाता है। उक्त स्मार्ट कार्ड से घर के मुखिया समेत 5 लोगों को हॉस्पीटल में भर्ती करके 30 हजार रूपये तक की राशि बीमा कम्पनी के द्वारा दी जाती है। इसमें भोजन,यात्रा आदि खर्च भी शामिल है। मगर हॉस्पीटल वाले मनमौजी किया करते हैं। अपने हित के अनुसार ही हॉस्पीटल कार्य किया करते हैं और आमदनी कमाते हैं।

   भोजपुर जिले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 345868 लक्षित परिवार हैं। अभी तक सिर्फ 148704 परिवार को ही निबंधित किया गया हैं। इन लोगों का निबंधन  1.12.2012 को निबंधित किया गया है। ऐसे लोग एक साल के अंदर योजना से लाभन्वित हो सकते हैं। इसके बाद स्मार्ट कार्ड को नवीनीकरण करना पड़ता है। गौरतलब है कि अभी भी 197164 परिवार उक्त योजना के लाभ से महरूम हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को 27 प्रायवेट और 1 पब्लिक हॉस्पीटल के हाथ में हैं। इन्हीं चयनित हॉस्पीटलों में स्मार्ट कार्ड से इलाज करवाने की सुविधा उपलब्ध है।