Tuesday 20 May 2014

30,000 से ज्यादा जितना खर्च आएगा वह लाभार्थी के परिवार को देना होगा



गया। इस जिले के जिलाधिकारी बालामुरूगन डी की अभिलाषा है। सभी लोग आर . एस . बी . वाई . से फायदा उठाएं। यह आम सोच है कि तब योजना को शिखर पर पहुंचा पाएंगे , जब इसके बारे में गरीब की झोपड़ी तक जानकारी का प्रसार हो। लोगों के बीच में सही ढंग से जानकारी का आदान - प्रदान हो सके। इसमें गैर सरकारी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा रहा है।
आर . एस . बी . वाई . स्मार्ट कार्ड से मिलने वाले लाभ के तहत सवाल किया गया कि आर . एस . बी . वाई में बीमा कवरेज कितना होता है ? आर . एस . बी . वाई में अधिकतम पांच सदस्यों के परिवार के लिए रू .30,000 तक की राशि का बीमा होता है। जिसमें रूपये 1000 की राशि एक साल में दस बार अस्पताल आने जाने के खर्च के लिए दिया जाता है। बीमा कार्ड में कितने तरह की बीमारी का इलाज हो सकता है ? बीमा काड्र में एक हजार से ज्यादा बीमारियों का पैकेज है , जिनका इलाज होता है। इसके अलावा कोई ऐसी बीमारी है जिसका जिक्र पैकेज में नहीं है , तो भी उसका इलाज किया जा सकता है। मगर उसके लिए पहले बीमा कम्पनी से सहमती लेनी पड़ती है। इस सहमती के लिए 1 से 2 घंटे से लेकर एक दिन का समय लग सकता है।पैकेज प्रभार का क्या मतलब है ? इसमें क्या - क्या आता है ? पैकेज प्रभार से मतलब है कि इलाज से संबंधित सभी व्यय जैसे दवा , जांच , बिस्तर की व्यवस्था , भोजन आदि पैकेज का हिस्सा होंगे और अस्पताल इनके लिए रोगी से कोई पैसा नहीं लेगा।
पैकेज दरों से क्या - क्या शामिल रहता है ? इन पैकेज दरों में निम्नलिखित शामिल हैः - पंजीकरण शुल्क , बिस्तर शुल्क , ऑपरेशन की स्थिति में जनरल वार्ड , नर्सिंग तथा भोजन शुल्क , चिकित्सक से परामर्श शुल्क , शल्य क्रिया उपक्ररणों की लागत आदि , दवाएं , कृत्रिम उपकरणों , उनके लगाने की कीमत , एक्स - रे तथाा अन्य जांच आदि , डाक्टर की सलाह के अनुसार अस्पताल में भर्ती होने के 1 दिन पहले से और अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद 5 दिन तक उसी बीमारी / ऑपरेशन के लिए ली गई औषधि की कीमत और रूपये 1000 आने - जाने का भाड़ा 10 बार के लिए 100 रूपये की दर से। अगर इलाज का खर्चा 30,000 से कम लगता है तो क्या बाकी पैसा वापस होगा ? लाभार्थी को कोई पैसा नहीं मिलेगा , अगर इलाज में एक भी पैसा नहीं खर्चा होता है तो भी। क्या 30,000 से ज्यादा का इलाज नहीं हो सकता है ? 30,000 से ज्यादा का इलाज हो सकता है मगर 30,000 से ज्यादा जितना खर्च आएगा वह लाभार्थी के परिवार को देना होगा। क्या तीन दिन अस्पताल में भर्ती रहना जरूरी है , या वैसी भी बीमारिया हैं जिनका इलाज कार्ड पर दिन भर में हो सकता है ? वैसे ऑपरेशन जिसमें भर्ती होने की जरूरत नहीं होती है वो भी इस बीमा में कवर किया गया है। दिन - दिन के ऑपरेशन से क्या मतलब है ? दिन - दिन के ऑपरेशन का मतलब ऐसे ऑपरेशन से है जिनमें ऑपरेशन के बाद अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं होती। इसके तहत नाक , गले , कान , आंख आदि का ऑपरेशन , गुर्दे की पथरी निकालना , दांत का ऑपरेशन , हड्डी टूटने / खिसकने का इलाज आदि के इलाज हो सकते है।
कॉल सेंटर सेवा क्या होती है और यह क्या करती है ? बीमा कम्पनी लाभार्थियों के मार्गदर्शन तथा लाभ हेतु टेलीफोन सेवाएं चलाती है जिसके जरिए लाभार्थी एक राज्य स्तर के टोल - फ्री नम्बर को डायल करके विभिन्न विषयों के बारे में मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं। कॉल सेंटर दिन में 24 घंटे , हफ्ते में 7 दिन और वर्ष - पर्यन्त काम करता है। कॉल सेंटर पर फोन करके लाभार्थी निम्न जानकारी ले सकते हैं। पॉलिसी के अन्तर्गत कवरेज तथा सुविधाओं से संबंधित प्रश्नों के उत्तर , सेवाओं के बारे में सामान्य मार्गदर्शन , पॉलिसी के अन्तर्गत मिलने वाले लाभों के विवरण तथा लाभान्वितों की बची हुई शेष राशि और नेटवर्क प्रदाताओं तथा संपर्क नम्बरों संबंधी सूचना है।
Alok Kumar


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