Tuesday 22 July 2014

बिहार सरकार के अधिकारियों के कारण झोपड़ी से मकान बनाया और अब मकान में ही झोपड़ी बनाकर रहने को बाध्य हैं





नौबतपुर। बिहार सरकार के अधिकारियों के कारण ही झोपड़ी से मकान बनाया।   और मकान बनाकर फिर से झोपड़ी बनाकर रहने को बाध्य हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति मुसहर समुदाय का है। जो बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बिरादरी के हैं। यह दर्दनाक स्थिति सिर्फ पटना जिले के बिहटा प्रखंड के चिरैयाटाड़ मुसहरी की ही नहीं है। अधिकांश मुसहरी की है।
Points out that last year, 15 August , 2013 को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते थे। वे किसी महादलित की बस्ती में जाकर झंडोत्तोलन करें। इसकी व्यवस्था जिलाधिकारी महोदय के कंधे पर सौंपा गया। तो पटना जिले के निवर्तमान डीएम डॉ . एन सरवन कुमार ने सीएम साहब की इच्छा पूर्ण करने में जूट गए।
डीएम साहब का प्रथम स्वाहिश चिरैयाटाड मुसहरी रहा। इसके अलावे अन्य मुसहरी को भी तैयार करके रखा गया। इसके आलोक में डीएम साहब ने सीएम साहब के जश्न आजादी के अवसर पर झंडोत्तोलन करने की तैयारी में लग गए। इसमें चिरैयाटाड मुसहरी के महादिलत मुसहरों को फायदा हुआ। मुसहरी की गंदगी को दूर करके शीशे की तरह चमकाना शुरू कर दिया गया। मौके पर एसडीओ , बीडीओ , सीओ के अलावे आलाधिकारी पहुंचने लगे। इन लोगों ने युद्धस्तर पर सीएम के कार्यक्रम को सफल बनाने में जूट गए।ऐन वक्त पर सीएम का कार्यक्रम में बदलाव लाकर रोनिया मुसहरी में झंडोत्तोलन करवा दिया गया। 
पटना जिले के अधिकारियों के आवाजाही करने से चिरैयाटाड मुसहरी के लोगों का भाग्योदय हुआ। गंदगी के ढेर पर इन्द्रासन भगवान को साफ - सफाई की गयी। इसके चबुतरे का पक्कीकरण किया गया। बगल में गाढ़े गए खराब चापाकल को दुरूस्त किया गया। मुख्यमंत्री जी के आगमन को देखते ही चापाकल भी पानी उघेलना शुरू कर दिया। एक बार फिर चापाकल से पानी नहीं मिल रहा है।   चापाकल लगाने का आग्रह किया गया है।
जिन महादलितों को इंदिरा आवास योजना से मकान बनाने के लिए 45 हजार रू . की स्वीकृति मिली। अधिकारियों ने 30 हजार रू . देकर हाथ खड़ा करना चाह रहे थे। आने वाले अधिकारियों के समक्ष शिकायत करने से शेष 15 हजार रू . की राशि निर्गत कर दी गयी। जिनको यह राशि हासिल हुई। सभी लोग छत ढालने में सफल हो गए। कुछ लोगों को लटकाया भी गया। लटकने वालों में महेन्द्र मांझी भी हैं। महेन्द्र मांझी कहते हैं कि झोपड़ी हटाकर इन्दिरा आवास योजना से मकान बनाया गया। 30 हजार रू . दिए। इस राशि से छत ढालने लायक दीवार खड़ा कर लिए हैं। चार साल से बिहटा प्रखंड की दौड़ादौड़ी कर रहे हैं। पर कोई सुनवाई नहीं हो पायी है।
इस पर महेन्द्र मांझी की पत्नी सुमित्रा देवी कहती हैं। सुपर शटर डे को पांचवी बच्ची को घर में जन्म दी है। पेट में बच्चा को संभालकर गर्भावस्था में बीडीओ साहब से मुलाकात करते रहे। जो 19 जुलाई , 2014 को पांचवी बच्ची के जन्म देने तक जारी रहेगा। हमलोगों ने घर का सपना देखा था। झोपड़ी से निकलकर इंदिरा आवास योजना से निर्मित मकान में रहेंगे। अधिकारियों के मनमाने के कारण सपना धाराशाही हो गया। अब फिर से झोपड़ी में रहने को बाध्य हो गए हैं। इस झोपड़ी में मिया और बीबी के साथ पांच बच्ची रहती हैं। इन बच्चियों का नाम है। रूपा कुमारी , पुनम कुमारी , कारी कुमारी और रमिया कुमारी है। नवजात बच्ची का नामकरण नहीं किया गया है।
महादलित मुसहर समुदाय के महेन्द्र मांझी और उनकी पत्नी सुमित्रा देवी ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और पटना जिले के डीएम मनीष कुमार वर्मा से आग्रह किए हैं कि चिरैयाटाड़ मुहसरी में अनेक समस्या है। आज भी कई महादलितों का आवास जीर्णशीर्ण अवस्था में है। राष्ट्रीय ग्रामीण नियोजन कार्यक्रम के तहत मकान बनाया गया था। जो जर्जर हो चला है। राष्ट्रीय भूमिहीन गारंटी नियोजन कार्यक्रम के तहत मकान बना। वह भी जर्जर हो चला है। इसके बाद इन्दिरा आवास योजना से मकान बना। इसमें मुसहरों को 30 हजार रू . दिए गए। शेष 15 हजार रू . नहीं दिया जा रहा है। इसकी पड़ताल करके महादलितों के साथ न्याय करने का कष्ट करेंगे।
इस मुहसरी में रहने वाली जीतनी देवी कहती हैं। उत्पाद विभाग के द्वारा मुसहरों पर उत्पात मचाया जा रहा है। बेचन मांझी नामक महादलित को उत्पाद विभाग के अधिकारी मुंह महककर गिरफ्तार कर जेल भेज देता है। उस पर आरोप लगाया जाता है कि 5 लीटर वाले प्लास्टिक का जरकिन में शराब बरामद किया गया। इसकी कीमत चार हजार रू . आका गया। हकीकत यह है कि बेचन निर्दोष है। इसके यहां से माल बरामद ही नहीं हुआ है। केवल आरोप सिद्ध करने के लिए उत्पाद विभाग ने शराब बरामद दिखा दिया है। 18 जून , 2014 को अवैध चुलाई और बेचना का आरोप लगाया गया है। आज भी जेल में बंद हैं।

Alok Kumar

No comments: