Tuesday 11 November 2014

भूमि सुधार की दिशा में भी अच्छे दिन लाने का हो प्रयास


राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति को अंतिम रूप देने का आग्रह

गया। जन संगठन एकता परिषद को भूमि सुधार के मसले को राष्ट्रीय पटल पर लाने का श्रेय जाता है। भले ही जनादेश 2007 के सत्याग्रह पदयात्रा के पश्चात राजनीतिज्ञों के द्वारा सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया हो? मगर केन्द्र सरकार को हिलाकर रख दिया। केन्द्र सरकार से 25 हजार की संख्या में सत्याग्रह करने वंचित समुदाय ग्वालियर से निकले। एक पहर खाना खाकर पांव-पांव चलने लगे। भूमि की जंग में हम   सब संग में चीख-चीखकर नारा लगाते राज दरबार दिल्ली तक चले गए।

सत्याग्रही रात्रि पड़ाव रामलीला मैदान में लगाए। एक नयी सुबह की उम्मीद में सत्याग्रही गहरी नींद में नहीं सो पाए। रामलीला मैदान को बंद कर दिया गया। सत्याग्रहियों को सुबह में बाहर जाने की मनाही हो गयी। सभी को फिल्ड अरेस्ट कर लिया गया। इस बीच प्रधानमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में रामलीला मैदान में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री का धमाकेदार आगमन हुआ। मंच संभालते ही सत्याग्रहियों की मांगों को एकसिरे से स्वीकार कर लिए। मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद और पूर्व केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में राष्ट्रीय भूमि सुधार समिति बनाने की घोषणा कर दी। राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति भी बनाने की बात कह डाली।

यूपीए एक की सरकार की घोषणा कोरा कागज साबित हुआ। इसके आलोक में जन सत्याग्रह 2012 सत्याग्रह पदयात्रा की गयी। ग्वालियर से 1 लाख की संख्या में वंचित समुदाय पदयात्रा में निकले। जन सत्याग्रह के महानायक पी.व्ही.राजगोपाल के नेतृत्व में सत्याग्रह आरंभ हुआ। ग्वालियर में सत्याग्रह रोकने में नाकामयाब मंत्रीगण आगरा में सफल हो गए। पूर्व केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश और महानायक पी.व्ही.राजगोपाल जी के साथ आगरा में द्विपक्षीय समझौता की गयी। भूमि सुधार से संबंधित मसला को निपटाने के लिए त्वरित न्यायालय और राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति बनाने पर सहमति बनी। वह भी धरातल पर नहीं उतरा।

अब तो सत्ता में परिवर्तन हो गया। अच्छे दिन लाने वाली सरकार आ गयी है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने गोपीनाथ मुंडे को केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बनाए। सड़क हादसे में मंत्री जी का निधन हो गया। उनके स्वर्गलोक में चले जाने के बाद नितिन जयराम गडगरी को केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बनाया गया। अब साढ़े पांच माह में पीएम नरेन्द्र मोदी ने मंत्रिमंडल का प्रथम बार विस्तार किए हैं। मंत्रिपरिषद में प्रधानमंत्री समेत अब 66 मंत्री हैं। इस बार चौधरी वीरेन्द्र सिंह को केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री बनने का गौरव प्राप्त है। अब नवान्तुक केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री को पूरा समय मिलेगा। जन संगठन एकता परिषद के नेताओं के साथ बातचीत करें और राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति बनाए। जन संगठन के पास राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति का प्रारूप नीति है। मिलजुल कर बैठकर अंतिम रूप दिया जा सकता है।


आलोक कुमार

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