Thursday, 19 February 2015

पशु खुद से दूध नहीं देती है। तो उनको दूध दूहने के पहले ऑक्सिटॉक्सिन



बाजार में क्रीम निकालने वाली मशीन उपलब्ध है उससे निकाला जाता क्रीम

धड़ल्ले से पाउडर दूध से मिलावटी दूध बनाया जाता


गया। हमलोग सिर्फ विश्वास करके ही पशु पालकों ( ग्वाला) से दूध खरीदते हैं। आप लोग यह जानकार आश्चर्य में पड़ जाएंगे कि जो दूध खरीद रहे हैं। उसमें से क्रीम निकाल लिया जाता है। वहीं गर्भवर्ती महिलाओं को प्रसव पीड़ा बढ़ाने वाले ऑक्सिटॉक्सिन सूई लगे पशुओं का दूध पीने को बाध्य हो रहे हैं। तब आप ग्वालों पर यकीन करना ही छोड़ देंगे। दूध लेने के पहले सैकड़ों सवाल उछाल देंगे।आखिर कितना सवाल उठाएंगे?यहां तो पग-पग पर मिलावट करने वाले मिल जाते हैं। खुलेआम दूध से क्रीम निकाला जा रहा है। वहीं पाउडर डालकर कृत्रिम दूध भी बनाया जा रहा है।

आपको मालूम कि अव्वल जो पशु खुद से दूध नहीं देती है। तो उनको दूध दूहने के पहले ऑक्सिटॉक्सिन नामक सूई लगायी जाती हैं। दूसरी आजकल बाजार में क्रीम निकालने वाली मशीन उपलब्ध है। इसे मामूली कीमत पर खरीदा जा सकता है। तृतीय धड़ल्ले से पाउडर दूध से मिलावटी दूध बनाया जा रहा है।

क्रीम निकालने वाली मशीन से क्रीम निकालने के पहले दूध को गर्म किया जाता है। यहां पर गैस-चूल्हा उपलब्ध रहता है। जब दूध लेकर ग्वाला हैं। तब क्रीम निकालने वाले मशीन मैन कहते हैं कि पहले पात्र में दूध डाले। इसके बाद पात्र को गैस-चूल्हे पर चढ़ा दें। दूध गर्म होने के बाद दूध को चूल्हा पर से उतार दें। कुछ देर ठंडा होने के बाद दूध को क्रीम निकालने वाली मशीन में डाल दी जाती है। मशीन में हैंडल से चलाया जाता है। ऐसा करने मशीन से धीरे-धीरे क्रीम निकलने लगता है।

एक ग्वाला ने बताया कि हमलोग दूध लाते हैं। दूध को गर्म करते हैं। 10 किलो दूध से मशीन से मथने के बाद 1 किलो क्रीम निकलता है। क्रीम निकालने वाली मशीन रखने वाले शख्स 150 रूपए प्रति किलो की दर से क्रीम खरीद लेते हैं। इसके बाद खुद 190 रूपए प्रति किलो बेचते हैं। क्रीम निकले दूध को 25 रूपए प्रति किलो की दर से बेचते हैं। कुछ लोग इस दूध से दही भी बनाते हैं। चाय बेचने वाले दूध खरीदते हैं। कम आय वाले लोग बच्चों को दूध पिलाने के लिए खरीदते हैं। क्रीम रहित दूध को अलग से रखा जाता है। जब कोई पूछते हैं तो उसे क्रीम सहित वाले दूध कीमत 35 रूपए बताते हैं। अगर कीमत में कमी करने को कहते हैं तो उनको 25 रूपए वाले क्रीम रहित दूध थमा दिया जाता है।
तब यह सवाल उठता है कि कैसे ग्वाला पर विश्वास करें? अगर उपभोक्ता क्रीम वाला दूध की मांग करते हैं तब ग्वाला मांगने वाला ही दूध थमा देगा? इसके आलोक में उपभोक्ता ग्वाला से कहते हैं कि पशुओं को सामने लाए। सामने ही दूध दूहकर दूध दे। इस पर ग्वाला सहमत हो जाता है। मगर खुद से दूध नहीं देने वाले गाय/भैंस को ऑक्सिटॉक्सिन की सूई लगाकर लाते हैं। इसके बाद लोगों के सामने दूध दूहने लगते हैं।


आलोक कुमार

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