आदिवासी,दलित और महिलाओं को स्टैंड अप किया जाएगा
साल में
एक शाखा एक उद्यमी तैयार करें
पटना। अब पी.एम. नरेन्द्र मोदी स्टार्ट अप इंडिया और स्टैंड अप
इंडिया की तैयारी में लग गए हैं। साल में एक बैंक शाखा एक उद्यमी निर्माण करें।
आदिवासी, दलित और महिलाओं को उद्यमी बनाया जाएगा।
फिलवक्त हाई लेवल पर विचार-विर्मश और इसे जल्द से जल्द धरती पर उतारने की कवायद
तेज कर दी जाएगी।
पी.एम. नरेन्द्र मोदी |
जी हां,
सवा सौ करोड़ वाली जनसंख्या को भुनाने में लगे हैं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। पी.एम. मोदी 125 नम्बर की मुरीद हो गए हैं। कहते हैं कि सवा करोड़ वाली जनसंख्या में 65 प्रतिशत युवा हैं। 35 साल से
नीचे के हैं। जो जोश से लबालब हैं। इनमें अपार संभावनाएं भी हैं। ऐसे लोग कुछ कर
गुजरने का माद्दा रखते हैं। इनको तकनीकी ज्ञान देने की जरूरत है। जब तकनीकी ज्ञान
हासिल कर लेंगे तो उनको कहीं भी फिक्स किया जा सकता है।
लाल किले
के प्राचीर से पी.एम. नरेन्द्र मोदी ने स्टार्ट अप इंडिया और स्टैंड अप इंडिया की
सोच विकसित किए हैं। इस समय बैंक अहम भूमिका निभा रही है। शून्य जमा पर जनधन योजना
के तहत 17 करोड़ खाता शुरू कर दी गयी है। इसमें 20 हजार करोड़ रूपए जमा है। यह है गरीबों की अमीरी। गरीबों की
अमीरी के बल पर टीम इंडिया बढ़ेगी। 6 दशक में मात्र 40 प्रतिशत ही खाता खुल सकी थी।
पी.एम.मोदी
ने कहा कि इस समय देश में सवा लाख बैंकों की शाखा है। इन शाखाओं के द्वारा गांवघर
के सक्रिय नौजवानों को स्टैंड अप करवाना है। बैंक की शाखा आदिवासी बहुल्य क्षेत्र
से एक व्यक्ति को स्टैंड अप करने के लिए लॉन दें। जहां पर आदिवासी नहीं हैं,
वहां पर दलित को स्टैंड अप करें। गांवघर के 1 उत्साही युवा का चयन करके स्टैंड अप करना है। इनको लॉन देना
है। इस लॉन से युवा उद्यमी बन जाएगा। इस तरह साल में 1.25 लाख बैंक की शाखा के द्वारा 1.25 युवाओं
को स्टैंड अप कर देंगे। इस तरह हरेक साल किया करेंगे। 1.25 युवा उद्यमी पैदा हो जाएंगे। इसी तरह बैंक की शाखाओं के द्वारा एक महिला
का भी चयन करना है। इनको लॉन देकर महिला उद्यमी बनाना है। इस तरह साल भर में 1.25 युवा और 1.25 महिला उद्यमी बन
जाएंगे। उल्लेख्य है कि बिहार को मिला विशेष पैकेज 1.25 लाख करोड़। इसके उपरांत अतिरिक्त 40 हजार करोड़ भी जोड़ दिए। इस तरह बिहार को 1 लाख 65 हजार करोड़ का विशेष पैकेज दिए।
इस तरह
प्रधानमंत्री मोदी स्टार्ट अप इंडिया और स्टैंड अप इंडिया के तहत आदिवासी,दलित और महिला को बैंक की शाखाओं के द्वारा लॉन देने का मार्ग
प्रर्दस्त कर दिया है। हालांकि यह एकदम नवीन सोच है। हाई लेबल पर विचार-विर्मश
किया जा रहा है। इसे धरती पर जल्द से जल्द उतारने की जरूरत है।
आलोक
कुमार
No comments:
Post a Comment