Friday 4 September 2015

बिचौलियों के बीच से निकलकर पहुंचता है चार हजार रू. मानव बल के पास

मां वैष्णवी इंटरप्राइजेज के ठेकेदार 500 रू. डकारने में माहिर
फ्यूज की शिकायत दूर करने वालों से हर तरह के कार्य करवाया जाता है

पटना। साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीव्यूशन कम्पनी लिमिटेड में 14 हजार मानव बल कार्यरत हैं। 14 हजार मानव बलों को प्रमंडलों में नियुक्त किया गया है। पाटलिपुत्र प्रमंडल में पाटलिपुत्र, सदाकत आश्रम और राजापुर अवर प्रमंडल है। पाटलिपुत्र अवर प्रमंडल में कनीय अभियंता बी.राम हैं। सदाकत आश्रम अवर प्रमंडल में कनीय अभियंता अमीत कुमार हैं और राजापुर अवर प्रमंडल में कनीय अभियंता सुधांशु जी हैं। यहां के कनीय अभियंताओं की अनुशंसा पर मानव बलों को मां वैष्णवी इंटरप्राइजेज के ठेकेदार नियुक्त करते हैं। 

एक कनीय अभियंता के अधीन 3 पुराने कर्मी कार्यरत हैं। वास्तव में पुराने कर्मी ही विशेषज्ञ हैं। दुर्भाग्य से बिल भुगतान नहीं करने वालों को विघुत विच्छेदन करने के कार्य में पुराने कर्मियों को लगाया गया है। इसके अलावे इन कनीय अभियंताओं के अधीन 16 मानव बल कार्यशील हैं। इनको 3 शिफ्ट में विभक्त कर कार्य लिया जाता है। सुबह आठ से चार बजे तक, चार से 12 बजे रात्रि तक और 12 बजे रात्रि से 8 बजे सुबह तक। एक शिफ्ट में 5 मानव बल रहते हैं। इन 5 मावन बलों के विभिन्न तरह के कार्य लिया जाता है। आपातकालीन स्थिति आ जाने के बाद 24 घंटे काम लिया जाता है। किसी तरह की छुट्टी देने का प्रावधान नहीं है। बिजली संबंधी विभागीय कार्य,कार्यालय में सफाई और परिसर की घास की कटाई तक के कार्य लिया जाता है। ऐसा नहीं करने पर गेट आउट कर दिया जाता है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार ठेकेदारों के द्वारा मानव बलों को बहाल किया जाता है। साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीव्यूशन कम्पनी लिमिटेड के द्वारा 5 हजार रू. मासिक मानदेय दिया जाता है। इसमें 500 रू. गडककर मानव बलों को ठेकेदार साढ़े 4 हजार रू. दिया जाता है। दुर्भाग्य से पाटलिपुत्र अवर प्रमंडल के कनीय अभियंता बी.राम ,सदाकत आश्रम अवर प्रमंडल के कनीय अभियंता अमीत कुमार और राजापुर अवर प्रमंडल के कनीय अभियंता सुधांशु जी के द्वारा 500 रू. हड़पकर मानव बलों को 4 हजार रू. ही हाथ में दिया जा रहा है। इस तरह बिचौलियों के बीच से निकलकर मानव बलों के पास 4 हजार रू. पहुंच पा रहा है। इससे मानव बलों में आक्रोश व्याप्त है। 

वहीं पुराने कर्मियों को 50 हजार रू. मासिक वेतन दिया जाता है। वर्तमान और भविष्य का ख्याल रखा गया है। हर त्योहारों पर छुट्टी लेने का प्रावधान है। अधिक कार्य करने पर पर ऑवर टाइम दिया जाता है। एक तरह के कार्य करते हैं। मगर वेतनादि पर मानव बलों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। यह सवाल उठता है कि मानव बलों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है?

मानव बल ने बताया कि वास्तव में हमलोगों को उपभोक्ताओं से मिली शिकायतों को दूर करने का है। राईस मील, बांसकोठी के गोपाल कुमार ने 1 सितम्बर,2015 को उपभोक्ता शिकायत निष्पादन तालिका में शिकायत दर्ज कराएं कि पोल से लाईन खराब है। इस तरह के कार्य करना है। मगर हमलोगों को 33 हजार और 11 हजार केवी पर भी कार्य करवाया जाता है। जुलाई माह के द्वितीय सप्ताह में दो बार हादसा होते-होते बच गया। मानव बल को पोल पर चढ़ा दिया गया। कनीय अभियंता को जानकारी दी गयी कि आप बिजली शट डाउन कर दें। कनीय अभियंता की लापरवाही का आलम है कि वह अन्य जगह की शट डाउन कर दिया। यह संयोग अच्छा रहा कि मानव बल ने दूर से तार फेंककर जानना चाहा कि वास्तव में ही शट डाउन किया गया है? जब मानव बल ने तार फेंका तो जोरदार धमाका हो गयी। तब मानव बल ने सीड़ी को मजबूती से पकड़े रहा । इस बात की जानकारी वरीय अधिकारियों को दी गयी तो कार्रवाही करने का वादा करके कनीय अभियंता पर कार्रवाही ही नहीं किये।

आलोक कुमार

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