तन में दुख झेलने वाली जुसी को टी0वी0सीरियल का सहारा
5 साल से बेहाल है। चलना-फिरना दुस्वार हो गया है। |
नक्सल प्रभावित क्षेत्र जहानाबाद जिले में वाहन चालक दिनेश कुमार सिंह रहते थे। अब पटना जिले के पटना सदर प्रखंड के पश्चिमी दीघा ग्राम पंचायत अन्तर्गत मखदुमपुर में रहते हैं। यहाँ पर 20 से रहते हैं। फिलवक्त किसी के पास वाहन चलाते हैं। तनख्वाह में 8 हजार रूपए मिलते हैं। लघु रूम का किराया 12 सौ रू0 है। अलग से 3 सौ रूपए बिजली खपत करने के लिए देनी पड़ती है। अल्प राशि से ही 6 सदस्यीय परिवार का लालन-पालन करना पड़ता है। बी0पी0एल0कार्ड से अनाज उठाकर खाते हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना से स्मार्ट कार्ड बना है। वर्ष 2011,2012 और 2013 में स्मार्ट कार्ड बना। 2014 और 2015 में स्मार्ट कार्ड नहीं बना है।
दिनेश कुमार सिंह की पत्नी लीला देवी हैं। जो घरेलू महिला हैं। सबसे बड़ी बेटी जुसी कुमारी हैं। वह मैट्रिक उर्त्तीण हैं। जूली कुमारी भी मैट्रिक हैं। अभिषेक कुमार बीएससी पार्ट-2 में हैं। खुशी कुमारी दशम वर्ग की छात्रा हैं। इन्द्र प्रसाद गंग स्थली उच्च विघालय में खुशी कुमारी पढ़ती हैं। ट्यूशन करने भी जाती हैं।
दिनेश कुमार सिंह की पत्नी लीला देवी और सुपुत्री खुशी कुमारी |
लगभग अपाहिज बन गयीं जुसी कुमारी का कहना है कि बचपन से ही अपने पैर पर खड़ी होकर नौकरी करना चाहती थीं। जब ऐसी अवस्था में आ गयी हूँ। तब भी हिम्मत नहीं हारी हूँ। कोई व्हीलचेयर दिलवा दें। व्हीलचेयर चलाकर नौकरी की अभिलाषा को पूर्ण कर लूंगी। कोई मुझको चलने लायक बना दें। वह किसी मसीहा की तलाश कर रही हैं जो 10 लाख रू0व्यय करके गतिमान कर दें। उसकी माँ लीला देवी कहती हैं कि कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल द्वारा 3 लाख रू0 की माँग की जा रही थी। प्रत्येक दिन 5 हजार रू0 खर्च करने के बाद चलने लायक बना देते। हड्डी प्रतिस्थापन कर देते। अर्थाभाव के कारण नहीं हो सका।
आलोक कुमार
मखदुमपुर बगीचा, दीघा घाट,पटना।
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