Sunday 27 March 2016

संत पिता फ्रांसिस ने इस वर्ष को ईश्वरीय दया का विशेष जयंती वर्ष

पटना। संत पिता फ्रांसिस ने इस वर्ष को ईश्वरीय दया का विशेष जयंती वर्ष घोषित किया है। इस पावन अवधि में हम विश्वासी ईश्वर की दया और अनुकंपा का अनुभव करते हुए पिता के प्यार को अपनाने के लिए बुलाए जा रहे हैं।

स्वयं येसु ने कहा है - ‘धन्य हैं वे , जो दयालु हैं, उन पर दया की जाएगी’,। येसु ने हमारे प्रति अपने असीम प्यार के कारण क्रूस मरण को स्वीकारा। पवित्र क्रूस पर उनकी पूरी आकृति से प्यार और क्षमा झलकती है। उनकी असीम दया,क्षमा और प्यार की पराकाष्ठा हम क्रूस पर लटकते हुए अपने प्रभु में पाते हैं। उन्हें यातना देने वाले उन क्रूर व्यक्तियों को वे क्षमा करते हैं और पिता ईश्वर से उनके लिए क्षमा की भीख मांगते हैं। 

खोए हुए पुत्र के दृष्तांत द्वारा परम पिता ईश्वर की दयालुता का एक सुन्दर चित्र हमारे समक्ष येसु ने रखा। येसु हमें आह्वान करते हुए सिखाते हैं कि , ‘ अपने स्वर्गिक पिता जैसे दयालु बनो,’। व्यभिचारिणी स्त्री को माफ करते हुए येसु ने कहा - मैं भी तुम्हें दण्ड नहीं दूंगा। जाओ और अब से फिर पाप नहीं करना’।

बहुत बार अपने अथवा किसी दूसरों के ऊपर अत्याचार और अन्याय करने वालों को, क्षमा प्रदान करना मृत्यु से कम दर्दनाक नहीं है। लोगों की नजरों में दया और क्षमा, कमजोरी का लक्षण मालूम पड़ता है, क्योंकि इसके लिए विनीत बनना अनिवार्य है, लेकिन अपने पुनरूथान द्वारा येसु ने हमें बताया कि विनम्र बनने के लिए शक्तिशाली होना अनिवार्य है और वही शक्ति हमें मृत्यु पर विजयी बनाती है।

अपने दुःखभोग , मृत्यु और पुनरूथान द्वारा येसु हमें यह शुभ संदेश दे रहे हैं कि प्यार ही दया, अनुकंपा और क्षमा का मूल है। चाहे हम जैसे भी क्यों न हो, पिता ईश्वर हमें प्यार करता है। वह हमें अपने प्यार के सागर में गोता लगाने, उस प्यार से ओत-प्रोत होने और इस तरह , अपने असीम, अपार प्यार के संदेशवाहक बनने के लिए नित्य बुला रहा है।

इस पुनरूथान पर्व में ईश्वर के इस पावन सुसमाचार का मर्म हम समझें और उसे अपने जीवन में उतार कर उसका उत्तराधिकारी बनें। आप सबों के हृदय , पुनर्जीवित प्रभुवर ख्रीस्त की शांति से भर जाएं। सबों को पास्का पर्व की हार्दिक शुभकामनाए! जय येसु। 

ख्रीस्त में आपका
फादर जॉनसन केलकत,ये0 स0,(पल्ली पुरोहित)

No comments: