Thursday 9 March 2017

अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय में लालफीताशाही के शिकार फाइल


8 माह से बढ़ने का नाम नहीं

पटना। अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय में लालफीताशाही के शिकार है फाइल। विधवा शनिचरी देवी द्वारा मुआवजा की मांग की गयी है। विभिन्न जगहों से सफर करने के बाद फाइल 7 जुलाई,2016 को अनुमंडल पदाधिकारी,सदर,पटना में आयी। कार्यालय में लिपिक पद पर कार्यशाील हैं कौशल्या देवी। काफी मुश्किल से लिपिक ने 7 माह के बाद फाइल की दर्शन कर सकीं। 22 फरवरी,2017 को लिपिक ने 1 सप्ताह के अंदर 1 मार्च को आकर कृत कार्य और प्रेषित कार्यालय का पत्रांक प्राप्त करने को कही। 7 मार्च को जाने पर बताया गया कि फाइल अनुमंडल पदाधिकारी के पास प्रेषित है। 1 सप्ताह के बाद 14 मार्च को आकर जानकारी प्राप्त कर लें।
मजे की बात है कि फाइल को बीडीओ कार्यालय में प्रेषित की जाएगी। पटना सदर,बीडीओ,कार्यलय के अधिकारी मौके पर जांच पड़ताल करने जाएंगे। तब फाइल को पुनः अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय में प्रेषित करेंगे। इसके बाद हिट एंड रन मामले पर मुआवजा तय किया जाएग। खैर, अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय में फिलवक्त 8 माह से फाइल बढ़ने का नाम ही नहीं ले रही है।

इधर मुआवजा प्राप्त करने वाले विधवा और उसके बच्चे बेहाल हैं। अपने सुअर के बखौरनुमा घर के द्वार पर बैठी है शनिचरी देवी। सड़क दुर्घटना में शनिचरी देवी का पतिदेव सोहन मांझी मर गये। पाटलिपुत्र थाना कांड संख्या-384/15 है। विधवा शनिचरी देवी को मुआवजा दिलवाने वाला आवेदन 07.07.2016 को ज्ञापांक 568/या0 पुलिस उपाधीक्षक,यातायात,तृतीय,पटना का कार्यालय से अनुमंडल पदाधिकारी,सदर,पटना तक पहुंच पाया। आगे की कार्रवाई के लिए अनुमंडल पदाधिकारी के पास फाइल अग्रसारित है। 8 माह के बाद भी फाइल आगे नहीं बढ़ पा रही है। इस तरह 449 दिनों के बाद भी विधवा शनिचरी देवी को मुआवजा के लिए इंतजार कर रही हैं। आज अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। ऐसे पावन दिवस 8 मार्च, 2017 को भी विधवा को न्याय नहीं मिला।

आलोक कुमार



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