Wednesday 23 November 2022

प्रदेश में संविधान की प्रस्तावना का पाठ भी किया जाएगा

  


पटना. देश के संविधान के निर्माण में डॉ. भीमराव अम्बेडकर का सबसे प्रमुख योगदान था, इसलिए संविधान दिवस  को डॉ. अम्बेडकर को श्रद्धांजलि देने के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है. इसे देश के युवा पीढ़ी के बीच संवैधानिक मूल्यों को लेकर सम्मान की भावना को बढ़ाने के उद्देश्य के रूप में मनाया जाता है.

       हालांकि देश के संविधान को बनने में 2 साल, 11 महीने और 8 दिन का समय लगा था. भारत के संविधान के आधार पर ही देश की संसद कानून बनाती है, जिससे इस देश की पूरी व्यवस्था चलती है.26 नवंबर, 1949 में बनकर तैयार हुए हमारे संविधान को 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था.

      अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी से आये निर्देश के आधार पर बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने आगामी 26 नवंबर 2022 को संविधान दिवस पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी एवं जिला कांग्रेस कमेटियों द्वारा कांग्रेसजनों के साथ-साथ बुद्धिजीवियों एवं ओपिनियन मेकर्स के साथ संगोष्ठी और जनसभाएं आयोजित करेगी.

        इस बाबत बताते हुए बिहार प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने बताया कि संगोष्ठियों व जनसभाओं के अलावे जिला कांग्रेस कमिटियां व प्रदेश में  संविधान की प्रस्तावना का पाठ भी किया जाएगा और संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ भी ली जाएगी.

          उन्होंने आगे बताया कि इस अवसर पर देश के संविधान पर उपयुक्त विशेषज्ञ एवं विशेषज्ञों को भी वार्ता व भाषण देने के लिए आमंत्रित करने की दिशा में संगठन ने तैयारी की है.जिला कमिटियां संवाददाता सम्मेलन में भाषण के लिए संविधान पर आधारित विषय चुन सकते हैं तथा वें राज्य और जिला स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों की विस्तृत रूपरेखा तैयार करेंगे जिससे जनता के मध्य कांग्रेस के विचारों और संविधान निर्माण में योगदान को बताया जा सके.

         देश के संविधान को बनने में 2 साल, 11 महीने और 8 दिन का समय लगा था. भारत के संविधान के आधार पर ही देश की संसद कानून बनाती है, जिससे इस देश की पूरी व्यवस्था चलती है.26 नवंबर, 1949 में बनकर तैयार हुए हमारे संविधान को 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था. इस दिन को Republic Day के रूप में मनाया जाता है.

       हालांकि देश में संविधान दिवस (Constitution Day) मनाने का सिलसिला काफी पुराना नहीं है. साल 2015 से भारत हर वर्ष 26 नवंबर को अपना संविधान दिवस मनाता है. इसके  लिए सामाजिक न्याय मंत्रालय (Ministry of Social Justice and Empowerment)  ने 19 नवंबर 2015 को फैसला किया था. 26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस (National Law Day)  के रूप में भी जाना जाता रहा है.

बता दें कि देश को आजादी  (Indian Independence)  मिलने से पहले ही स्वतंत्रता सेनानियों ने इस बात पर चर्चा शुरू कर दिया था कि आजाद भारत का संविधान (Indian Constitution) कैसा होगा. संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर, 1946 को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में हुई थी. संविधान सभा की पहली बैठक में कुल 207 सदस्य शामिल थे.

     उस समय देश के संविधान को बनाने में लगभग 1 करोड़ रुपये का खर्च आया था. संविधान की मूल कॉपी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखा था. भारत का संविधान  (Indian Constitution)   दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है.

आलोक कुमार

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