नौबतपुर।
भगवान को रखने
के लिए इंसान
के पास जगह
नहीं है। इसका
नजारा देखना है।
तो आपको बिहार
के मुख्यमंत्री जीतन
राम मांझी के
पुराने दोस्त उमेश मांझी
के घर शिवालापर
से आगे की
ओर बढ़ने पर
नौबतपुर की ओर
राह में चिरैयाटाड़
मुसहरी पड़ेगा। वहीं पर
जाकर महादलितों की
स्थिति और परिस्थिति
का आकलन कर
सकते हैं।
हां ,
इंसान के पास
रहने को जमीन
नहीं है। फिर
भी इंसान को
भगवान का आराधना
और खुश रखना
है। तो ऐसे
में तब इंसान
ने भगवान को
घर में स्थापित
करने के लिए
जुगाड़ में लग
गया। आखिरकार जुगाड़
काम में आ
गया। उसने इंदिरा
आवास योजना से
घर बनाया। घर
के छत पर
चढ़ने के लिए
सीढ़ी बनाया। सीढ़ी
निर्माण के समय
जगह बचा। उसी
जगह में मनुष्यदेवा
को स्थापित कर
दिया। इसको शिरा
भी कहा जाता
है।
भगवान
से भी बद
से बदतर स्थिति
में इंसान रह
रहा है। इंदिरा
आवास योजना से
से घर बनाया
गया है। एक
ही घर में
बाल - बच्चा रहते
हैं। जनसंख्या बढ़ने
पर मकान को
घेरघेर कर छोटा
करते देते हैं।
इसी तरह छोटा
घर बनाने के
बाद छोटा द्वार
बना दिया जाता
है। इस घर
में यह व्यक्ति
प्रवेश कर परेशानी
दिखा रहा है।
यह व्यक्ति एक
बार प्रवेश कर
रहा है। इस
घर में रहने
वालों को तो
द्वार से आजीवन
आनाजाना करना पड़ेगा।
अब सिविल सोसायटी
और सरकार को
चाहिए कि इन
लोगों केे लिए
अच्छे दिन जल्द
से जल्द ला
देने के लिए
प्रयास करना चाहिए।
Alok
Kumar
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