
बिहार
महादलित आयोग की अनुशंसा पर अनुसूचित जाति के 22 जातियों क्रमशः बंतर, बाउरी, भोगता, भुइंया, चौपाल, बदगर, डोम, घासी, हलालखोर, हरी, मेहतर, कंजर, कुररियार, लालनेगी, मुसहर, नट, पान, रजवार, तुरी, धोबी,पासी और चमार को शामिल किया। एकमात्र पासवान को आयोग में जगह
नहीं दी गयी। इसे दरकिनार करके रखा गया। पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बढ़कर
सोशल इंजीनियरिंग में लगे मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शिक्षा और साक्षरता के
आधार पर वर्गीकरण करने का मन बना लिए हैं। इसके पहले मुख्यमंत्री जी ने मुसहर
समुदाय को अनुसूचित जाति की श्रेणी से निकालकर अनुसूचित जनजाति के श्रेणी में लाने
का भी मन बनाए थे। जो आठ माह के बाद भी संभव नहीं हो सका है।
खैर, कारितास इंडिया और फोरम फोर सोशल इन्यिशिएटिव ने भी मन बनाया है कि सरकार के द्वारा संचालित कल्याण और विकासमय योजनाओं की जानकारी हासिल करें।सरकार ने महादलित विकास मिशन भी बनाया है। इसके तहत 25 तरह की योजनाओं भी बनाए। सभी योजनाओं के विकास हेतु प्रभावी ढंग से कार्यान्वयन के लिए प्रत्येक पंचायत स्तर पर विकास मित्र का चयन किया है। जो सरकार और महादलित परिवार के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य कर रहे हैं।
सेवा
केन्द्र के निदेशक फादर अमल राज एस0 ने कहा कि हमलोग
15 जिलों का चयन किए हैं। महादलित अधिकार
यात्रा रथ को दो हिस्सों में विभक्त कर दिया गया है। प्रथम दल पश्चिमी चम्पारण,
मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर,
दरभंगा, मधुबनी, पुर्णिया, बेगूसराय और पटना
में और द्वितीय दल रोहतास, औरंगाबाद,
गया, नवादा, नालंदा, शेखपुरा, मुंगेर और पटना है। एक जिले में 2 दिन ठहरेंगे। वहां पर पंचम कला केन्द्र,मनेर के द्वारा नुक्कड़ नाटक पेश किया जाएगा। जो सरकारी योजनाओं के ऊपर
आधारित है।

सोशल
इंजीनियरिंग करने वाली सरकार के द्वारा किए गए कल्याण और विकास का नब्ज टटोलने 15 जिलो के 45 ब्लॉक और कुल 225 महादलित टोले में जाकर 20 हजार महादलितों का सर्वे करेंगे। सर्वे को डाटाबेस करके 21 फरवरी,2015 को सेवा केन्द्र,पटना में प्रस्तुत करेंगे। इसमें सरकार के नौकरशाह उपस्थित
रहेंगे।
आलोक
कुमार
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