Tuesday 3 February 2015

कारितास इंडिया और फोरम फोर सोशल इन्यिशिएटिव के द्वारा महादलित अधिकार यात्रा

 गया। इंजीनियरिंग की पढ़ाई किए हैं पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। सत्ता प्राप्ति करने के बाद सोशल इंजीनियरिंग करने में जुट गए। राज्य सरकार ने अपने अधिसूचना संख्या 11 बी0 1 विविध 17/2007 का0 2950/पटना 15 दिनांक 30.08.2007 को अनुसूचित जातियों में महादलितों में शैक्षणिक,सामाजिक,आर्थिक आदि सभी क्षेत्रों में सभ्यक विकास हेतु अनुशंसा करने के लिए राज्य महादलित आयोग,बिहार का गठन किया। इसके प्रथम अध्यक्ष विश्वनाथ ऋषि बनाए गए। अभी आयोग के अध्यक्ष उदय मांझी हैं।

बिहार महादलित आयोग की अनुशंसा पर अनुसूचित जाति के 22 जातियों क्रमशः बंतर, बाउरी, भोगता, भुइंया, चौपाल, बदगर, डोम, घासी, हलालखोर, हरी, मेहतर, कंजर, कुररियार, लालनेगी, मुसहर, नट, पान, रजवार, तुरी, धोबी,पासी और चमार को शामिल किया। एकमात्र पासवान को आयोग में जगह नहीं दी गयी। इसे दरकिनार करके रखा गया। पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बढ़कर सोशल इंजीनियरिंग में लगे मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शिक्षा और साक्षरता के आधार पर वर्गीकरण करने का मन बना लिए हैं। इसके पहले मुख्यमंत्री जी ने मुसहर समुदाय को अनुसूचित जाति की श्रेणी से निकालकर अनुसूचित जनजाति के श्रेणी में लाने का भी मन बनाए थे। जो आठ माह के बाद भी संभव नहीं हो सका है।


खैर, कारितास इंडिया और फोरम फोर सोशल इन्यिशिएटिव ने भी मन बनाया है कि सरकार के द्वारा संचालित कल्याण और विकासमय योजनाओं की जानकारी हासिल करें।सरकार ने महादलित विकास मिशन भी बनाया है। इसके तहत 25 तरह की योजनाओं भी बनाए। सभी योजनाओं के विकास हेतु प्रभावी ढंग से कार्यान्वयन के लिए प्रत्येक पंचायत स्तर पर विकास मित्र का चयन किया है। जो सरकार और महादलित परिवार के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य कर रहे हैं।

सेवा केन्द्र के निदेशक फादर अमल राज एस0 ने कहा कि हमलोग 15 जिलों का चयन किए हैं। महादलित अधिकार यात्रा रथ को दो हिस्सों में विभक्त कर दिया गया है। प्रथम दल पश्चिमी चम्पारण, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, पुर्णिया, बेगूसराय और पटना में और द्वितीय दल रोहतास, औरंगाबाद, गया, नवादा, नालंदा, शेखपुरा, मुंगेर और पटना है। एक जिले में 2 दिन ठहरेंगे। वहां पर पंचम कला केन्द्र,मनेर के द्वारा नुक्कड़ नाटक पेश किया जाएगा। जो सरकारी योजनाओं के ऊपर आधारित है।

इस बीच महादलित आवास भूमि योजना, महादलित स्वास्थ्य कार्ड योजना,मनरेगा में 100 दिनों का काम, अनुसूचित जाति आवासीय विघालय, आंगनबाड़ी सेंटर-महादलित आंगनबाड़ी,महादलित शौचालय निर्माण योजना, दशरथ मांझी कौशल विकास योजना,मुख्यमंत्री महादलित रेडियो योजना, महादलित क्रेश,महादलित समृधि योजना, लघु उघोग योजना, अंत्योदय योजना, मुख्यमंत्री अनूसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति मेघावृति योजना, कबीर अंत्येष्ठि अनुदान योजना, प्री मैट्रिक छात्रवृति योजना, अत्याचार राहत,मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, विकलांग छात्रवृति योजना, धनन्वरी मोबाइल चिकित्सा योजना, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन निशक्ता पेंशन और विशेष विघालय समेत 23 योजनाओं को समेटकर अधिकार कार्ड पर अंकित किया जाएगा।

सोशल इंजीनियरिंग करने वाली सरकार के द्वारा किए गए कल्याण और विकास का नब्ज टटोलने 15 जिलो के 45 ब्लॉक और कुल 225 महादलित टोले में जाकर 20 हजार महादलितों का सर्वे करेंगे। सर्वे को डाटाबेस करके 21 फरवरी,2015 को सेवा केन्द्र,पटना में प्रस्तुत करेंगे। इसमें सरकार के नौकरशाह उपस्थित रहेंगे।

आलोक कुमार


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