केन्द्रीय पेयजल व स्वच्छता राज्य मंत्री रामकृपाल यादव ने हाथ में झाड़ू उठाया
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर
पटना।विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आश्रय अभियान नामक गैर सरकारी संस्था ने महत्वपूर्ण कार्य किया। पीएम नरेन्द्र मोदी से प्रोत्साहित केन्द्रीय पेयजल व स्वच्छता राज्य मंत्री रामकृपाल यादव ने झाड़ू लगाया। इसके साथ ही कारगिल चौक, गांधी मैदान में स्वच्छता अभियान कार्यक्रम शुरू हो गया। आश्रय अभियान की निर्देशिका सह सचिव सिस्टर डॉरोथी फर्नांडीस के नेतृत्व में दिलीप पटेल, राजेश मंडल, रूकमणी देवी , रंजीत चंद्रवंशी, धनंजय यादव, आशा देवी, स्नावी देवी, तनुजा कुमारी, सुर्दशन, मनोज, ताहीर खान , चमरू जी, मंजू देवी , शमीमा खातून, कांति देवी, शारदा देवी, सबिता देवी आदि भी झाडू लगाने लगे। कूड़ा- कचरा को साफ करने लगे। देखते ही देखते फुटपाथ दुकानदारों ने सघन स्वच्छता अभियान में हाथ बंटाने लगे।इसका लाभ जल्द ही दुकानदारों को मिला। केन्द्रीय पेयजल व स्वच्छता राज्य मंत्री श्री रामकृपाल यादव के करकमलों से कारगिल चौक के इर्दगिर्द फुटपाथ पर दुकान सजाने वाले दुकानदारों के बीच में कूड़ा-दान (डस्टवीन) का वितरण किया गया। आश्रय अभियान के सौजन्य एवं फुटपाथ दुकानदारों के सहयोग से 200 डस्टवीन वितरित किया गया।
मौके पर अपने संबोधन में केन्द्रीय पेयजल व स्वच्छता राज्य मंत्री रामकृपाल यादव ने कहा कि स्वच्छ एवं साफ सुथरा वातावरण बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी के साथ-साथ जनता की भी जवाबदेही और सहयोग की जरूरत है।आम जनता को भी अपने घरों से निकले कचरे को यहाँ-वहाँ न फेंककर कूड़ों को निर्मित प्वाइंट पर ही जाकर फेंके।आगे केन्द्रीय राज्य मंत्री ने फुटपाथ दुकानदारों और वेंडरो को किस तरह से डस्टवीन का प्रयोग किया जाएगा। बेहतर ढंग से मार्ग प्रर्दस्त किए। आज देश और प्रदेश में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। हकीकत यह है कि आज हरेक स्तर के नागरिक अभियान से जुड़ रहे हैं। इसका पॉजिटिव अनर्जी माननीय प्रधान मंत्री नरेन्द्र भाई मोदी के द्वारा मिल रहा है। इनके द्वारा देश-प्रदेश में स्वच्छता अभियान कार्यक्रम को चलाने का सकारात्मक सोच विकसित किया जा रहा है। इसका सार्थक परिणाम 365 दिनों में सामने आने लगा है।
केन्द्रीय राज्य मंत्री रामकृपाल यादव ने लोगों का आह्वान किया कि स्वच्छता अभियान कार्यक्रम शहर में ही सीमित ना रहे बल्कि इसको गाँव-गाँव तक पहुँचाने में अहम भूमिका अदा करें। इसमें महती किरदार जन प्रतिनिधि, अधिकारी, गैर सरकारी संस्या/संगठनों के लोग अदा कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि आप लोग नेतृत्व करके जनता की भागीदारी सुनिश्चित करें।तभी मेरा प्रदेश,हम सबों का देश और हमारा समाज आगे बढ़कर स्वच्छ समाज बन पाएंगा। अभी से ही हमलोग स्वच्छ समाज की परिकल्पना कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि जिस रफ्तार से पेड़ो की अवैध कटाई की जा रही है। वह अत्यंत ही चिन्ता का विषय बन गया है। जाहिर-सी बात है हमलोगों को मिलकर पर्यावरण को संतुलित बनाना है। इस अवसर पर ‘‘वृक्ष लगाओ , जीवन बचाओ’’ का नारा भी बुलंद किया गया।
आश्रय अभियान की निर्देशिका सह सचिव सिस्टर डॉरोथी फर्नांडीस ने मौके पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि जिस धरती को हमलोग माँ कहते हैं उस धरती माता को हम पूरे रूप से अपमान कर रहे हैं। हम इतने स्वार्थी हो गए हैं कि धरती माँ को कूड़ा और कचरा परोसते जा रहे है,हमलोगों को अपने सोच में परिवर्तन लाने की एवं गलत आदतों में सुधार लाने की जरूरत है। अगर हम अपनी सोच और आदतों में सुधार लाएंगे तो स्वाभाविक है धरती माता स्वच्छ होगी और स्वच्छ समाज का निर्माण होगा। अभियान की सचिव सिस्टर फर्नांडीस ने आगे कहा कि हमें प्रकृति के करीब आने की जरूरत है और पर्यावरण को संतुलित बनाये रखने में वृक्ष लगाने की जरूरत है। हरित - क्रांति लाने की जरूरत है।
इस अवसर पर आश्रय मेहनतकश मजदूर कामगार यूनियन संघ के अध्यक्ष सुगम्बर पासवान ने कहा कि हमें प्राकृतिक धरोहर को बचाये रखने की जरूरत है। आज हमलोग प्राकृतिक संसाधनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं जिसके परिणाम स्वरूप बेवजह भूकम्प, आँधी, तुफान, मुसलाधार बारिश, लहर जैसी प्राकृतिक आपदा से लाखो लोग काल के गाल में समा जा रहे हैं। हमें हरियाली से दोस्ती कर पर्यावरण को संतुलित करने की जरूरत है।
आश्रय अभियान की निर्देशिका सह सचिव सिस्टर डॉरोथी फर्नांडीस ने मौके पर उपस्थिल पर्यावरण प्रिय लोगों को शपथ दिलायी।हम पर्यावरण को सुरक्षा एवं सुधार हेतु हरसंभव प्रयास करेंगे। हम कभी किसी पेड़ -पौधों को नुकसान नहीं पहुँचाएंगे।हम वर्ष में कम से कम एक फलदार वृक्ष लगाएंगे। हम पर्यावरण में उपस्थित पशु-पक्षियों एवं अन्य जीवों को कभी नुकसान नहीं पहुँचाएंगे।हम पर्यावरण एवं अन्य घटक यथा जल मिट्टी अथवा वायु को प्रदुषित नहीं करेंगे।हम भु-जल को कम से कम तथा उचित उपयोग करेंगे।हम नदी तालाब में कूड़ा-कचरा नहीं फेकेंगे तथा उसमें कपड़े अथवा मरे हुए पशु-पक्षी को नहीं फेकेंगे।हम खेतों-खलियानों एवं बाग-बगीचों में कम से कम रसायनिक खाद्य्य एवं कीटनाशकों का प्रयोग करेंगे। हमलोगों को पर्यावरण के जरूरतों एवं उसकी उपयोगिता के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे।हम पर्यावरण को क्षति पहुँचाने वाले हरेक प्रयत्नों का पुरजोर विरोध करेंगे।
आलोक कुमार
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