Saturday 11 March 2017

गम का इजहार चेहरे पर नहीं




दुखभोग जारी है ईसाई समुदाय का

पटना। ईसाई समुदाय का दुखभोग चल रहा है। यह समुदाय गमगीन हैं। मगर गम का इजहार चेहरे पर नहीं करते हैं। मनोरंजन में कम समय व्यत्तित करते हैं। घर और गिरजाघरों में जाकर प्रार्थना करते हैं अधिक। रविवार की सुबह साढ़े छह बजे से, द्वितीय आठ बजे से और शाम साढ़े चार बजे से रविवारीय मिस्सा में शिरकत करते हैं। बुधवार को 3 बजे से क्रूस रास्ता और द्वितीय 5 बजे से क्रूस रास्ता तय किया जाता है। इसके तुरंत बाद पवित्र मिस्सा में सहृदय भाग लेते हैं। उसी तरह शुक्रवार को 3 बजे से क्रूस रास्ता और द्वितीय 5 बजे से क्रूस रास्ता और पवित्र मिस्सा में दिल लगाकर शामिल होते हैं।

बताते चले कि क्रूस रास्ता के दरम्यान 2 पुरोहित बैठते हैं पापस्वीकार सुनने के लिए। पापस्वीकार संस्कार के तहत पापस्वीकार सुनते हैं। ईसाई समुदाय द्वारा बताये गये पाप को पुरोहित पापस्वीकार के समय ही सुनते हैं। बताये गये पाप के आलोक में पुरोहित श्रद्धालु का पाप माफी कर देने का दण्ड सुनाते हैं। मगर बालूपर में रहने वाले शख्स एण्ड्रू आंजिलों के साथ नहीं हो रहा है। संत जेवियर हाई स्कूल की नौकरी से बाहर निकाल दिये गये हैं एण्ड्र आंजिलों। नाजायज ढंग से नौकरी से निकाला के खिलाफ श्रम न्यायालय में आवेदन पेश कर दिये। कई सालों के बाद श्रम न्यायालय ने एण्ड्रू आंजिलों के पक्ष में आदेश पारित किया। आदेश में नौकरी से निकालने एवं वेतनादि का भुगतान करने को कहा गया। मगर इसे तामिल करने के बदले संत जेवियर हाई स्कूल के कर्ताधर्ता पटना हाई कोर्ट चले गए। इसके कारण मामला लम्बा खींचता चला गया। कोई 32 से अधिक का समय चला गया। मगर पुरोहित वर्ग ने माफी नहीं दिये। वह अभी भी न्यायालय का चक्कर लगाने को बाध्य हैं।
कहा जाता है कि मिशनरी नौकरी तलवार की नौंक पर है। जबतक चाहते हैं नौकरी में रखते हैं और जब नहीं चाहते हैं तो दूध में पड़ मक्खी तरह निकालकर बाहर फेंक देते हैं। सबसे पहले नोट्रेडम एकेडमी में व्यवहार किया गया। संत जेवियर हाई स्कूल से भी हटाया गया। दोनों जगहों से अनेकों लोगों को हटाया गया। इसके बाद कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल में किया गया। तारा टोप्पों को हटाने के बाद जबरदस्त आंदोलन खड़ा हुआ। कुर्जी चर्च में ताला तक बंद करना पड़ा। इसके बाद मिशनरियों ने घरेलू जांच करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। इसी तहत गौनपुरा से भी कर्मी को हटाया गया। आखिर कबतक मिशनरियों के जुल्म के शिकार पब्लिक होते रहेंगे।

खैर, दुखभोग अवधि में लजीज भोजन भी नहीं करते हैं। कम खर्च करते हैं और दान दक्षिणा में अधिक व्यय करते हैं। पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विलियम डिसूजा ने भूख और बीमारी अभियान चला रखा है। इसका तात्पर्य है कि भरपूर चंदा देकर अभियान को सफल बनाना। यह राशि सीबीसीआई को भेज दी जाएगी।


आलोक कुमार

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