Saturday 12 February 2022

गोवा में चुनाव प्रचार का शोर अब थम चुका


पणजी। एक तरफ चुनाव आयोग ने शनिवार शाम को चुनाव प्रचार करने के लिए पदयात्रा की इजाजत दी है। इसी के साथ सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक का प्रचार समय भी कर दिया है तो गोवा में विधानसभा के लिए चुनावी प्रचार का शोर अब थम चुका है। 14 फरवरी को मतदान होगा। ऐसे में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन बीजेपी-कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी।

गोवा विधानसभा चुनाव के लिए मंच तैयार है, क्योंकि शनिवार को राज्य में चुनाव प्रचार समाप्त हो गया है।  गोवा में एक ही चरण में 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव होंगे और मतगणना 10 मार्च को होगी। इस दौरान राज्य में जमकर राजनीतिक उथल-पुथल और बयानबाजी देखने को मिली। क्योंकि सभी पार्टियों ने मतदाताओं को अपने-अपने पक्ष में खड़ा करने के लिए पूरी ताकत लगा दी।

गोवा में जहां 40 विधानसभा सीटें हैं, वहां चुनाव पर्यवेक्षक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने एआईसीसी प्रभारी दिनेश गुंडू राव के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने राज्य की जनता के सामने कांग्रेस की तरफ से किए गए विकास कामों को बताया। साथ ही विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने भी गोवा में मतदाताओं के लिए एक वीडियो संदेश पोस्ट किया और कांग्रेस पार्टी की उनके कार्यों की सराहना की। इसी तरह बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और गोवा डेस्क इंचार्ज सीटी रवि ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने सरकार की तरफ से किए गए विकास कार्यों के बारे में बताया।

इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सहित कई स्टार प्रचारकों के साथ 14 फरवरी को होने वाले गोवा विधानसभा सीटों के लिए प्रचार आज समाप्त हो गया। प्रियंका गांधी वाड्रा अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में कई रैलियां की। चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार शाम 6 बजे चुनाव प्रचार का शोर थम गया।

गोवा विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार-प्रसार थम गया है। सोमवार होने वाले मतदान में राजधानी की पणजी सीट पर सभी की निगाहें होंगी। इस सीट पर दिवंगत सीएम और भाजपा के कद्दावर नेता रहे मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल चुनावी मैदान में हैं। उनके अलावा इस सीट पर भाजपा के स्थानीय कद्दावर नेता अतानासियो मोनसेराटे, पूर्व में आम आदमी पार्टी (आप) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार रह चुके और अब कांग्रेस के टिकट से चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशी के बीच कांटे की टक्कर है।

      गोवा में चुनावी प्रचार-प्रसार खत्म हो गया है। सोमवार को प्रदेश की सभी 40 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। गोवा की 40 सीटों में से पणजी सीट पर सभी की नजरें रहेंगी। इस सीट पर दिवंगत सीएम और पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल कुमार चुनावी मैदान में किस्मत आजमाने उतरे हैं। भाजपा से टिकट न मिलने पर वे यहां निर्दलीय उम्मीदवार हैं। भाजपा ने विधायक मोनसेराटे को उनके खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है। मोनसेराटे इससे पहले कांग्रेस में थे और उन्होंने 2019में भाजपा के प्रत्याशी को पराजित किया था। वह 2020में भाजपा में शामिल हो गए थे। 


वेलिम विधानसभा क्षेत्र से पत्रकार सावियो रोड्रिक्स मैदान में हैं।ये ईसाई समुदाय से हैं। ईसाई समुदाय के लिए चुनौती बन गये हैं। बीजेपी के वेलिम विधानसभा के प्रत्याशी सावियो रोड्रिक्स ने कहा है कि चुनाव प्रचार समाप्त हो गया है। यह आध्यात्मिक रूप से रोमांचक अनुभव रहा है। मैं वेलिम में अपने परिवार और अपनी टीम के प्यार से अभिभूत हूं। हमारे मिशन TransformingVelim में विश्वास करने वाले लोगों द्वारा निस्वार्थ कार्य किया है।उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने उन्हें विघटनकारी के रूप में लेबल लगा दिया है। इस पर अब फैसला जनता को करना है।ईसाई समुदाय की जनसंख्या अधिक है। यह देखना है कि उनलोगों ने रोडिक्स का समर्थन किये हैं कि नहीं यह तो 10 मार्च को ही पता चलेगा। 

इस सप्ताह की शुरुआत में एक साक्षात्कार में उत्पल पर्रिकर ने अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों का जिक्र किया था और कहा था कि वह चाहते थे कि पार्टी (भाजपा) किसी बेदाग छवि वाले उम्मीदवार को टिकट दे। वहीं, इस सीट पर कांग्रेस ने चुनाव में एल्विस गोम्स को टिकट दिया है। पूर्व नौकरशाह 2017 में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे, लेकिन बाद में पार्टी छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

वहीं दूसरी ओर आप ने तीसरी बार वाल्मीकि नाइक को चुनाव मैदान में उतरा है। इससे पहले नाइक को  2017, और 2019 उपचुनाव में खड़ा किया गया था। नाइक ने कहा कि निर्वाचित होने पर वह पणजी निर्वाचन क्षेत्र में रोजगार पर ध्यान केंद्रित करेंगे और वार्ड सभाओं का आयोजन करेंगे जिसमें नागरिक विधायक और अधिकारियों की उपस्थिति में अपने मुद्दों को हल करा सकते हैं।


आलोक कुमार

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