Tuesday 28 March 2017

अब चिंटू की माँ की बड़ी चिंता


ऐसे लोगों को नीति में ढील देने की जरूरत
प्रमाण-पत्र निर्माण करने में ‘दलाल’ में मजा मारेंगे
पटना. पटना नगर निगम अतंर्गत वार्ड नंबर -19 में है यारपुर मुसहरी । यह स्लम क्षेत्र है। महादलित मुसहर समुदाय के लोग रहते हैं ।मुसहरी में सुअर के बखौरनुमा घर में रहती हैं धमेंद्ररी देवी। पति राजदेव मांझी की मौत पश्चात 3 बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी आ गयी। दो जून की रोटी की तलाश में भटकती रहती हैं । कूडों के ढेर पर किस्मत तलाशती है। रद्दी कागज, प्लास्टिक, शीशी,बोतल आदि। इन रद्दी वस्तुओं को बेचती हैं तब जाकर चूल्हा जलता है। भोजन में दाल है तो सब्जी नहीं और सब्जी है तो दाल नहीं की नीति पर घर चलता है। घरेलू नीति से बेहाल धमेंद्ररी देवी को सरकारी नीति परेशानी के भवर में डाल दिया है। धमेंद्ररी देवी के पुत्र चिंटू कुमार बीमार हैं.किडनी रोग से पीडित हैं. शेखपुरा स्थित आई.जी.आई.एम.एस.में चिंटू कुमार को दिखाया गया.चिकित्सकों ने कहा किडनी के ऊपर झिल्ली है.जबतक सांस खर्च करेंगे ऐसा चिंटू के साथ नहीं हुआ. इसके माँ के पास जबतक राशि रही तबतक खर्च की.जब राशि खत्म हो गयी तो हाथ खडी कर दी. एक पत्रकार (आलोक कुमार ) ने सामाजिक दायित्य निभाया.उसने आवेदन तैयार कर पटना जिले के सिविल सर्जन डाक्टर गिरिन्द्र शंकर सिंह को दिया. इसमें सामाजिक-आर्थिक के साथ बीमारी का जिक्र किया. मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष से सहायता करने का आग्रह किया गया. आवेदक के आवेदन पर सिविल सर्जन गिरिन्द्र शंकर सिंह ने आवेदन पर अनुशंसा कर स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक प्रमुख के पास अग्रसारित कर दिया. ततपश्चात निदेशक प्रमुख की अध्यक्षता में सूबे से आये आवेदनों पर विचार मंथन कर बीमारी के अनुसार राशि की स्वीकृति दी गयी. सभी आवेदनों को आवेदकों को जानकारी देने के मकसद से स्वीकृति और अस्वीकृत आवेदनों को 18 मार्च को पब्लिक डॉमिन में डाल दिया है. चिंटू कुमार का आवेदन प्रेषित है. इसका क्रमांक 189 है. टिप्पणी में लिखा गया है. इंदिरा गांधी आर्युवि.संस्थान से प्राक्कलित राशि आय प्रमाण -पत्र प्रस्तुत करें . इसको लेकर अनपढ धमेंद्ररी देवी परेशानी बढ गयी है.अब आय प्रमाण -पत्र और प्राक्कलित राशियुक्त दस्तावेज तैयार करना है.आवेदन लिखना है। फार्म भरना है। इसके बाद वार्ड कौंसिलर के पास जाकर अनुशंसा करवानी है। वार्ड स्तर आवेदन और फार्म को तैयार करने के पश्चात प्रखंड स्तर पर आय प्रमाण -पत्र बनवाने में जूझेंगी.



आलोक कुमार


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