बिहार बजट को लेकर समाजसेवी एस.के. लॉरेन्स कहते हैं कि सरकार के सामने रोजगार, बीमारी, महंगाई, शिक्षा, पलायन जैसी कई चुनौतियां हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए सभी की निगाहें होंगी कि इस बार के बजट में सरकार द्वारा किस तरह की सुविधाएं तथा योजनाएँ पेश की जाएंगी। दूरदर्शी तथा सूझ-बुझ रखने वाले मुख्य मन्त्री जी इस दिशा में कदम उठाएंगे, इसकी हमें उम्मीद करनी चाहिये।
समाजसेवी एस.के. लॉरेन्स ने बजट को लेकर अपनी उम्मीदें रखते हुए चिन्ता जताई कि कोरोना महामारी ने लोगों को तोड़ दिया है। बहुत सारे लोग बेरोजगार हुए हैं। शिक्षा बाधित हुआ है। इससे निजी स्कूलों के व्यवस्थापक,छात्र तथा उनके अभिभावक प्रभावित हुए हैं। गरीब,साधारण तथा मध्यम परिवार का बजट चरमरा गया है। रोज कमाने वाले तथा छोटे कारोबारियों की कमर टूट चुकी है। महंगाई ने सभी की कमर तोड़ दी है। ऐसे में सरकार रोजमर्रा के सामानों का ख्याल करते हुए बजट पेश करेगी यह उम्मीद है।
अभी भी कोविड से मृतकों के आश्रितों में से कईयों को आवेदन देने के बावजूद सम्बन्धित विभागों की सुस्ती की वजह से मुआवजा का चार लाख नहीं मिल पाया है। बजट में कोविड काल में होने वाले नुकसान को देखते हुए सरकार कोई बीच का रास्ता निकाले। ऐसा बजट पेश हो कि लोगों को लगे कि उन्हें सरकार की ओर से राहत मिली है। बहुत ज्यादा की उम्मीद तो नहीं है। लेकिन सरकार थोड़ी राहत देगी ऐसा उम्मिद करते हैं।
आलोक कुमार
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